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Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 22 अगस्त 2024 (11:19 IST)

कृष्‍ण जन्माष्टमी पर इस बार बन रहे हैं वही द्वापर युग वाले दुर्लभ योग जो बने थे 5251 वर्ष पहले

कृ्ष्ण जन्माष्टमी पर अबकी बार जयंती योग, रोहिणी नक्षत्र, सोमवार और वृषभ के चंद्र का दुर्लभ योग

Krishna Janmashtami 2024
krishna janmashtami 2024: 26 अगस्त 2024 सोमवार को कृष्‍ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस बार जन्माष्टमी पर वही दुर्लभ योग-संयोग बन रहे हैं जोकि 5251 वर्ष पहले श्री कृष्‍ण के जन्म के समय बने थे। कृष्‍ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में सोमवार के दिन मध्‍यरात्रि में हुआ था। इस बार भी यही योग बना है। इस योग में पूजा और व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया है। कहते हैं कि श्रीकृष्‍ण का जन्म इसी योग में हुआ था। जयंती योग में व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और श्रीकृष्‍ण का आशीर्वाद भी मिलता है। इस बार वैष्णव और स्मार्त दोनों ही मतों से जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को ही मनाया जा रहा है।ALSO READ: krishna janmashtami 2024: श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2024 पर क्या है निशीथ पूजा का मुहूर्त?
 
निशिथ पूजा का समय- 12:01 am से 12:45 am के बीच रहेगा।
 
कृष्ण जन्म के योग-संयोग: श्रीकृष्‍ण का जन्म 8वें अवतार के रूप में 8वें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के 28वें द्वापर में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को 8वें मुहूर्त में आधी रात को जयंती नामक योग और रोहिणी नक्षत्र में तब हुआ था जबकि चंद्र अपने उच्च अंश में वृषभ राशि में विराजमान था और उस दिन सोमवार था। उस समय 6 ग्रह उच्च के थे। चौथे भाव में सिंह राशि थी जिसमें सूर्य विराजमान थे। पांचवें भाव में कन्या राशि में बुध विराजमान थे। छठे भाव की तुला राशि में शनि और शुक्र ग्रह थे। नौवें अर्थात भाग्य स्थान पर मकर राशि थी जिसमें मंगल ग्रह उच्च के होकर विराजमान थे। 11वें भाव में मीन राशि के गुरु उच्च के होकर विराजमान थे। 
 
''उच्‍चास्‍था: शशिभौमचान्द्रिशनयो लग्‍नं वृषो लाभगो जीव: सिंहतुलालिषुक्रमवशात्‍पूषोशनोराहव:।' 
नैशीथ: समयोष्‍टमी बुधदिनं ब्रह्मर्क्षमत्र क्षणे श्रीकृष्‍णाभिधमम्‍बुजेक्षणमभूदावि: परं ब्रह्म तत्।।''- (ख्‍माणिक्‍य ज्‍योतिष ग्रंथ पंडित गंगासहाय)
Janmashtami 2024
Janmashtami 2024
वर्तमान में भी यही योग संयोग बने हैं:- इस बार 26 अगस्त 2024 सोमवार को कृष्‍ण जन्माष्टमी के दिन जयंती योग रहेगा। रोहिणी दोपहर 03:55 से प्रारंभ होकर अगले दिन यानी 27 अगस्त को प्रात: दोपहर 03:38 पर समाप्त होगा। अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 26 अगस्त 2024 को तड़के 03:39 बजे प्रारंभ होगी जो अगले दिन यानी 27 अगस्त 2024 को 02:19 एएम बजे समाप्त होगी।ALSO READ: krishna janmashtami 2024: श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार बन रहे हैं दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा आशीर्वाद
 
अन्य ग्रह गोचर : इस दिन वृषभ राशि में चंद्रमा की गुरु के साथ युति बनने से गज-केसरी नामक शुभ योग भी बनेगा। मंगल का मिथुन में गोचर होगा और बुध का कर्क में उदय होगा। इस दिन शनि के अपनी राशि में केंद्र में होने के कारण शश राजयोग भी बन रहा है। सर्वार्थसिद्धि योग 26 अगस्त को दोपहर 03:55 से अगले दिन यानी 27 अगस्त को सुबह 05:57 तक रहेगा।
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