नवग्रहों में बृहस्पति को गुरु की उपाधि प्राप्त है। इनका वार है गुरुवार। गुरुवार की प्रकृति क्षिप्र है। यह दिन ब्रह्मा और बृहस्पति का दिन माना गया है। ज्योतिष के अनुसार गुरुवार या गुरु ग्रह का संबंध महर्षि बृहस्पति और भगवान दत्तात्रेय से है परंतु लाल किताब के अनुसार भगवान ब्रह्मा इसके देवता हैं और ब्राह्मण, दादा, परदादा को इससे संबंधित माना जाता है। पीपल, पीला रंग, सोना, हल्दी, चने की दाल, पीले फूल, केसर, गुरु, पिता, वृद्ध पुरोहित, विद्या और पूजा-पाठ यह सब बृहस्पति के प्रतीक माने गए हैं।
गुरुवार के दिन ये कार्य करने से खुल जाते हैं भाग्य :
1. सफेद चंदन, हल्दी या गोरोचन का तिलक लगाएं।
2. हर तरह की बुरी लत को छोड़ने के लिए अति उत्तम दिन, क्योंकि इस दिन संकल्प की अधिकता रहती है।
3. गुरुवार को पापों का प्रायश्चित करने से पाप नष्ट हो जाते हैं, क्योंकि यह दिन देवी-देवताओं और उनके गुरु बृहस्पति का दिन होता है।
4. उत्तर, पूर्व, ईशान दिशा में यात्रा करना शुभ।
5. धार्मिक, मांगलिक, प्रशासनिक, शिक्षण और पुत्र के रचनात्मक कार्यों के लिए यह दिन शुभ है।
6. सोने और तांबे का क्रय-विक्रय कर सकते हैं।
7. इस दिन मंदिर जरूर जाना चाहिए।
8. यदि आपका गुरु अशुभ या कमजोर है तो आप पीपल में जल चढ़ाएं।
9. गुरुवार के दिन पीली वस्तु का सेवन करें।
10. इस दिन घर में धूप दीप देना चाहिए खासकर गुग्गुल की धूप देना चाहिए। इस दिन धूप देने से गृह कलह, तनाव और अनिद्रा और किया कराया में लाभ तो मिलता ही है साथ ही दिल और दिमाग के दर्द में राहत मिलती है। सबसे बड़ी बात यह कि इस दिन धूप देने से पारलौकिक मदद मिलती है।