शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. fish sign in palm
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 5 अगस्त 2022 (13:03 IST)

हथेली में कैसा होता है मछली का चिन्ह, जानिए किस जगह यह मछली देती है शुभ संकेत

हथेली में कैसा होता है मछली का चिन्ह, जानिए किस जगह यह मछली देती है शुभ संकेत - fish sign in palm
Palmistry: हाथों की अंगुलियों में शंख और चक्र के निशान के साथ ही कई अन्य रेखाएं होती हैं। उसी तरह हथेली में पर्वत, क्रास, चंद्र, सूर्य, तारे, कमल, शंख, चक्र, ध्वज, प्लस, त्रिभूज, चतुर्भुज, रेखाएं आदि कई चिन्ह होते हैं। इसीके साथ मछली का निशान भी होता है। आओ जानते हैं कि क्या होता है मछली का चिन्ह होने से।
 
1. हथेली में मछली का निशान जिस जगह पर स्थित होता है तब वह उसके अनुसार ही परिणाम देता है।
 
2. जीवन रेखा और मणिबंध से मिलकर यदि मछली का चिन्ह बन रहा है तो यह समझा जाता है कि व्यक्ति सुखी और दीर्घायु रहेगा।
 
3. मणिबंध पर यह चिन्ह बन रहा है तो ऐसे व्यक्ति को धन की कभी कमी नहीं रहती है। जातक धार्मिक होगा। 
 
4. बुध पर्वत पर इसका निशान व्यक्ति की वाणी को प्रभावशाली बनाता है। वह अपनी वाणी के दम पर ही कमाता है और अत्यंत सफल होता है। उसको जीवनसाथी भी सहयोगी मिलता है।वह बड़ा व्यापारी बन सकता है।
 
5. भाग्य रेखा पर मछली का निशान भाग्य को प्रबल करता है। जीवन में किसी भी प्रकार की रुकावटें नहीं आती है।
palmistry in Lal kitab
6. सूर्य पर मछली का निशान जातक को प्रसिद्ध बनाता है और उसे सर्वोच्च पद पर पहुंचाता है।
 
7. गुरु पर्वत पर मछली का निशान होने का अर्थ है कि ऐसा जातक अपने ज्ञान और बुद्धि के दम पर दुनिया पर राज करेगा।
 
8. शनि पर्वत का निशान व्यक्ति को न्यायप्रिय और अनुशासनबद्ध बनाने के साथ ही रहस्यमयी विद्याओं का ज्ञाता भी बनाता है। 
 
9. चंद्र पर्वत पर इसका निशान होने का अर्थ है कि जातक आर्ट, कला और संस्कृति के माध्यम से धन अर्जित करेगा और दुनिया में प्रसिद्ध होगा।
 
10. शुक्र पर्वत पर मछली का निशान यह दर्शाता है कि जातक का व्यक्तित्व आकर्षक होगा। वह अभिनय, नाटक, कला और फिल्म आदि के माध्यम से लोकप्रिय होगा।
 
11. केतु पर्वत पर स्थित मछली का निशा सूर्य पर्वत की ओर झुका हो तो जातक उच्च पद के साथ ही मान-सम्मान प्राप्त करता है। 
ये भी पढ़ें
रक्षाबंधन 11 अगस्त को या कि 12 अगस्त को, कब मनाएं?