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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 18 अप्रैल 2024 (19:42 IST)

Chandal Yog: चांडाल योग क्या होता है, काल सर्प दोष से भी ज्यादा खतरनाक होता है गुरु चांडाल योग

guru chandal yog
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Chandal yog effects ke upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कई अशुभ योग होते हैं, जैसे पिशाच योग, अतिगंड योग, केमद्रूम योग, दरिद्र नारायण योग, मयघंटक योग आदि। इसी तरह एक गुरु चांडाल योग भी होता है। यह जीवन में कुछ भी नहीं करने देता है। इसे कालसर्प दोष से भी खतरनाक माना जाता है। दोनों ही योग राहु के कारण ही बनते हैं।
चांडाल योग कैसे बनता है?
- कुंडली के किसी भी भाव में बृहस्पति के साथ राहु बैठा है तो इसे गुरु चांडाल योग कहते हैं। 
- बृहस्पति को गुरु और राहु को चांडल माना जाता है।
- कुछ ज्योतिष मानते हैं कि यदि गुरु की राहु पर या राहु की गुरु पर दृष्टि है तो भी चांडाल योग बनता है। 
- यह भी कहा जाता है कि राहु जिस भी ग्रह से साथ बैठता है, तो उस ग्रह को ग्रहण लग जाता है। 
- सूर्य के साथ सूर्य चांडाल योग और मंगल के साथ मंगल चांडाल योग माना जाता है।
- लेकिन सबसे अधिक घातक गुरु और राहु की युति को ही माना जाता है। यह कालसर्प दोष से भी खतरनाक है।
गुरु चांडाल योग का असर क्या होता है?
1. इस योग का बुरा असर शिक्षा, धन और चरित्र पर होता है। 
2. जातक बड़े-बुजुर्गों का निरादर करता है और उसे पेट एवं श्वास के रोग हो सकते हैं। 
3. कहते हैं कि मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ व मीन राशि के लोगों पर गुरु-चांडाल योग का प्रभाव अधिक पड़ता है।
4. कहते हैं कि जिस भी जातक की कुंडली में यह योग होता है, उसके जीवन में उथल-पुथल बनी रहती है। ऐसा जातक जिंदगी में कभी स्थिर नहीं रह पाता है।  
5. यह योग जिस भी भाव या राशि में लगता है, तो वह उस स्थान के शुभ प्रभाव को तो समाप्त करता ही है, साथ ही जहां भी उसकी दृष्टि होती है उसके प्रभाव को भी समाप्त कर देता है।
6. यदि प्रथम भाव या लग्न में गुरु राहु की युति अर्थात चांडाल योग है, तो ऐसा जातक चरित्र का ढीला होता है। उस पर लांछन लगता है। उसका वाद-विवाद होता रहता है।
7. यदि चतुर्थ भाव में यह योग बन रहा है तो भूमि, भवन, परिवार, मित्र और जन्म स्थान का सुख नहीं मिल पाता है।
8. यदि सप्तम भाव में है तो जातक को पत्नी सुख नहीं मिलता है।
9. यदि दशम भाव में है तो जातक को नौकरी और व्यापार में असफलता ही हाथ लगती है।
गुरु चांडाल योग के 5 अचूक उपाय:-
1. माथे पर नित्य प्रतिदिन केसर, हल्दी या चंदन का तिलक लगाएं।
 
2. सुबह तालाब जाकर मछलियों को काला साबुत मूंग या उड़द खिलाएं।
 
3. प्रति गुरुवार को पूर्ण व्रत रखें। रात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
 
4. उत्तम चरित्र रखकर पीली वस्तुओं का दान करें और पीले वस्त्र ही पहनें।
 
5. गुरुवार को पड़ने वाले राहु के नक्षत्र में रात्रि में बृहस्पति और राहु के मंत्र का जाप करना चाहिए या शांति करवाएं। राहु के नक्षत्र हैं आर्द्रा, स्वाति और शतभिषा।
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