शनिवार, 28 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. benefits of sury pooja
Written By

सूर्य पूजा, सूर्यार्घ्य और सूर्य नमस्कार से मिलते हैं सेहत और सौभाग्य के कई वरदान

सूर्य पूजा, सूर्यार्घ्य और सूर्य नमस्कार से मिलते हैं सेहत और सौभाग्य के कई वरदान - benefits of sury pooja
-डॉ. कुमुद दुबे

सूर्य नमस्कार का संबंध योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा से भी जुड़ा हुआ है। सूर्य की ऊष्मा एवं प्रकाश से स्वास्थ्य में अभूतपूर्व लाभ होता है और बुद्धि की वृद्धि होती है। सूर्य नमस्कार की विधियां मुख्य रूप से हस्तपादासन, प्रसरणासन, द्विपाद प्रसरणासन, भू-धरासन, अष्टांग, प्रविधातासन तथा सर्पासन इन आसनों की प्रक्रियाएं अनुलोम-विलोम क्रम से की जाती हैं।
 
सूर्य के प्रकाश एवं सूर्य की उपासना से कुष्ठ, नेत्र आदि रोग दूर होते हैं। सब प्रकार का लाभ प्राप्त होता है। अर्थात मनुष्य भगवान जनार्दन विष्णु से मोक्ष की अभिलाषा करनी चाहिए। सूर्य अशुभ होने पर उक्त राशि वाले को अग्निरोग, ज्वय बुद्धि, जलन, क्षय, अतिसार आदि रोगों से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ती है।
 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य समस्त ग्रह एवं नक्षत्र मंडल के अधिष्ठाता है तथा काल के नियंता हैं।
 
आप किसी और को ऐसा नमस्कार करें या न करें, परंतु प्रत्येक दिन प्रात:काल कम से कम सूर्य नमस्कार अवश्य करें, क्योंकि सूर्य नमस्कार ही साष्टांग नमस्कार है। इस करने से मानव निरोग, वैभवशाली, सामर्थ्यवान, कार्यक्षमतावान होता है और व्यक्तित्व प्रतिभाशाली होता है।
 
अर्घ्य मंत्र :- 
 
सूर्य को निम्नलिखित मंत्र बोल करके अर्घ्य प्रदान करें-
 
ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
 
ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:।
अर्घ्य समर्पयामि।।
 
ध्यान मंत्र :-
 
ध्येय सदा सविष्तृ मंडल मध्यवर्ती।
नारायण: सर सिंजासन सन्नि: विष्ठ:।।
केयूरवान्मकर कुण्डलवान किरीटी।
हारी हिरण्यमय वपुधृत शंख चक्र।।
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाधुतिम।
तमोहरि सर्वपापध्‍नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम।।
सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयते।
चरश्चरैवेति चरेवेति...! 
 
(सूर्य का श्रम देखो कि वह कभी विश्राम नहीं करता इसीलिए आगे बढ़ो, आगे बढ़ो।)

ये भी पढ़ें
सूर्य कवच : छठ पर्व पर यह पढ़ लिया तो जीवन भर रहेंगे निरोग और बलशाली