मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Amavasya ke 10 rahasya in hindi
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022 (12:33 IST)

Paush Amavasya 2022 : अमावस्या के 10 रहस्य, नहीं रहेंगे सतर्क तो होगा ये नुकसान

Paush Amavasya 2022 : अमावस्या के 10 रहस्य, नहीं रहेंगे सतर्क तो होगा ये नुकसान - Amavasya ke 10 rahasya in hindi
कृष्‍ण पक्ष के बाद अमावस्या और शुक्ल पक्ष के बाद पूर्णिमा आती है। एक पक्ष को पितरों का एक दिन माना गया है। अमावस्या के दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। इस दिन निशाचर शक्तियां ज्यादा सक्रिय रहती हैं और इस दिन को नकारात्मक दिन माना जाता है। हर मास की अमावस्या का अलग अलग महत्व होता है। आओ जानते हैं अमावस्या के 10 रहस्य।
 
कुछ मुख्‍य अमावस्या : भौमवती अमावस्या, मौनी अमावस्या, शनि अमावस्या, हरियाली अमावस्या, दिवाली अमावस्या, सोमवती अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या।
 
1. धरती के मान से 2 तरह की शक्तियां होती हैं- सकारात्मक और नकारात्मक, दिन और रात, अच्छा और बुरा आदि। हालांकि कुछ मिश्रित शक्तियां भी होती हैं, जैसे संध्या होती है तथा जो दिन और रात के बीच होती है। उसमें दिन के गुण भी होते हैं और रात के गुण भी।
 
2. वर्ष के दो भेद हैं उत्तरायण और दक्षिणायन। उसी तरह माह के दो भेद हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन अमास्या तो शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा होती है। शुक्ल देवताओं का तो कृष्ण पक्ष पितरों एवं नकारात्मक शक्तियों का समय होता है।
 
3. उत्तरायण में और माह के मान से शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं, तो दक्षिणायन और कृष्ण पक्ष में दैत्य और पितर आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, क्योंकि इस समय अंधेरा बढ़ता जाता है और अमावस्य को पूर्ण अंधेरा रहता है।
 
4. जब दानवी आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, तब मनुष्यों में भी दानवी प्रवृत्ति का असर बढ़ जाता है इसीलिए उक्त दिनों के महत्वपूर्ण दिन में व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को धर्म की ओर मोड़ दिया जाता है। 
5. अमा‍वस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
 
6. अमावस्या के दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता। ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं, उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। चंद्र का मन पर प्रभाव पड़ता है। लड़कियां मन से बहुत ही भावुक होती हैं।
 
7. इस दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता तो ऐसे में हमारे शरीर में हलचल अधिक बढ़ जाती है। जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाला होता है उसे नकारात्मक शक्ति अपने प्रभाव में ले लेती है।
 
8. इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। 
 
9. इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।
 
10. इस दिन हो सके तो उपवास रखना चाहिए। जानकार लोग तो यह कहते हैं कि चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है।
ये भी पढ़ें
23 दिसंबर : पौषी अमावस्या के दिन स्नान के मुहूर्त और दान की सूची