महाशिवरात्रि पर करें शिव के विविध रूपों का पूजन, मिलेगा नवग्रहों का साथ
महाशिवरात्रि : इस तरह करें शिव का पूजन, नवग्रह होंगे प्रसन्न
महाशिवरात्रि में भगवान भोलेशंकर का पूजन तो सभी करते हैं, लेकिन उनके विविध रूपों का पूजन करने पर अनेक प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानें कैसे करें शिव का पूजन की नवग्रह प्रसन्न हो...
सूर्य एवं मंगल-
इन दो ग्रहों से पीड़ित लोगों को अनार के रस से वैद्यनाथ और अमरनाथ का अभिषेक करना लाभकारी होता है। अनार के फल का भोग भी लगाना चाहिए तथा गुड़ मिश्रित हवन करना चाहिए।
बुध-
इस ग्रह से परेशान लोगों को विश्वनाथ भगवान का बेलपत्रों से पूजन करना चाहिए। चने के पौधों, गेहूं की हरी बालियों से भगवान का हरा श्रृंगार करना चाहिए। पूजन के उपरांत पान अवश्य अर्पित करना चाहिए।
चंद्र-
इस ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को गाय के दूध से रामेश्वर का अभिषेक कर खीर का भोग लगाना चाहिए।
गुरु-
इस ग्रह को मजबूत बनाने के लिए ओंकारेश्वर भगवान का पूजन करके पीले पुष्पों का श्रृंगार करना चाहिए। तथा शिव पंचाक्षरी मंत्र का 11 माला जाप करें।
शुक्र-
इस ग्रह से पीड़ित लोगों को भीमाशंकर भगवान का पूजन करके इत्र स्नान कराना चाहिए। चावल और दूध का दान करना चाहिए।
शनि-
इससे पीड़ित लोगों को महाकाल का तेल से अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक किए गए तेल को दान कर देना चाहिए। भगवान शिव की आराधना से शनिदेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। शनि बाधा के निवारणार्थ महामृत्युंजय मंत्र की 11 माला का जाप करना चाहिए। इससे आकस्मिक दुर्घटना, भय, शोक का निवारण होगा। शमी पत्र चढ़ाना चाहिए।
राहू एवं केतु-
ग्रह से पीड़ित लोगों को शिवलिंग पर रूद्रपाठ करते हुए जल अथवा दूध लेकर भांग या धतूरे को जल में अथवा दूध में मिलाकर अभिषेक करना चाहिए।