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चीन में मोदी की कूटनीति ने दी हीरा व्यापारियों को नई जिदंगी

नई दिल्ली| Naidunia| Last Modified गुरुवार, 8 दिसंबर 2011 (01:28 IST)
भारत में भले ही विरोधी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन के दावे को न सुनें, लेकिन दुनिया के ताकतवर देशों में से एक नरेंद्र मोदी की बात को खास तव्वजो दे रहा है। मोदी की कूटनीति ने चीन में कैद गुजरात और मुंबई के हीरा व्यापारियों को नई जिदंगी देने का काम कर दिया। मोदी की इस जीत को चीन के मोर्चे पर बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। कूटनीतिक मोर्चे पर इस सफलता के जरिए नरेंद्र मोदी ने यह संदेश देने का काम किया है कि यदि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने का मौका मिला तो वह भारत विरोधी माने जाने वाले चीन को भी भारत के करीब लाने का काम कर सकते हैं। मोदी की इस सफलता के बीच यह जान लेना भी जरूरी है कि चीन में वामपंथी चिंतकों का एक वर्ग मोदी को भारत का भावी प्रधानमंत्री का प्रमुख दावेदार मान रहा है।


देश में भले कांग्रेस और वामदलों को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का शासन रास नहीं आ रहा हो, मगर भारत का पड़ोसी और दुनिया के शक्तिशाली देशों में से एक चीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की शासन शैली पर लट्टू हो रहा है। मोदी भी चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर कूटनीतिक दांव खेल रहे हैं। पिछले दिनों चीन यात्रा में मोदी के कूटनीतिक प्रयासों की बदौलत 22 भारतीय हीरा व्यापारियों को आखिर राहत मिली। इनमें से अधिकतर लोग सूरत और मुंबई के रहने वाले हैं। इन हीरा व्यापारियों को जनवरी 2010 में चीन में हीरे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनकी रिहाई के लिए किए गए प्रयासों को कोई कामयाबी नहीं मिली थी, लेकिन बीते माह जब मोदी ने चीनी शासन के समक्ष यह मामला रखा तो जल्द ही कार्यवाही हुई और फैसला भी सुना दिया गया। मोदी ने बेहद कूटनीतिक तरीके से इस मामले को चीन के नेताओं के समक्ष उठाया। चीनी नेतृत्व ने मोदी की यात्रा को खासा महत्व दिया था और चीनी नेतृत्व इस दौरे को सफल बनाने का इच्छुक था।


मोदी के साथ उच्चस्तरीय बैठक में चीनी नेतृत्व ने मोदी से वादा किया कि उनके निवेदन पर गौर करते हुए इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि चीन के भारत के साथ और विशेषकर गुजरात के साथ खाश रिश्ते हैं। चीन ने मोदी को आश्वासन दिया कि लंबित पड़े ट्रायल को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा और जल्द ही फैसला दे दिया जाएगा। ये 22 भारतीय पिछले करीब दो साल से चीन की जेलों में बंद थे। मोदी के चीन से भारत लौटते ही चीनी शासकों ने पहला कदम उठाते हुए चीन में भारतीय राजदूत डॉ. एस.जयशंकर और गुआंगजू में भारतीय काउंसल जनरल इंद्रमणि पांडे को जेल में बंद भारतीय नागरिकों से मिलने की इजाजत दे दी। हीरा व्यापारियों को शेनजेन कस्टम अधिकारियों ने हीरों की तस्करी केआरोप में 8 जनवरी को हांगकांग से चीन जाते हुए गिरफ्तार कर लिया था। शेनजेन चीन के गुआंगडोंग प्रांत का एक बड़ा शहर है जो हांगकांग के करीब स्थित है।




मनोज वर्मा
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