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होटल से ढाबा तक फूड सेफ्टी एक्ट

रायपुर| Naidunia| Last Modified बुधवार, 29 फ़रवरी 2012 (01:35 IST)
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में लापरवाही बरतने वाले व्यापारियों पर गाज गिरने वाली है। 1 अप्रैल से खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम छत्तीसगढ़ में अनिवार्य रूप से लागू हो जाएगा। होटल से ढाबा व फुटकर व किराना व्यवसायी अधिनियम के दायरे में आएॅँगे। अप्रैल से खाद्य पदार्थों के पैकेजिंग, मैन्युफेक्चरिंग व विक्रय करने वाले व्यवसायियों को अधिनियम के तहत सभी नियमों का पालन करना होगा। अपने पैकेट पर उन्हें लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य होगा।


मंगलवार को छग चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज में प्रदेशभर के खाद्य व्यवसायियों को संबोधित कते हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम आयुक्त के. सुब्रमणियम ने कहा कि नए अधिनियम के तहत लाइसेंस के लिए अंतिम तिथि 31 मार्च तक की गई है। व्यापारियों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन जमा करना होगा। फार्म जमा करने की प्रक्रिया संबंधित कार्यालय में प्रारंभ हो गई है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के खाद्य व्यवसायी जिनका वार्षिक टर्नओवर 12 लाख रुपए के कम है उनका पंजीयन स्थानीय निकाय करेंगे, जिसमें नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतें शामिल है। रजिस्ट्रेशन फीस 100 रुपए है। वे व्यवसायी जिनका टर्नओवर 12 लाख रुपए से अधिक है, उन्हें लाइसेंस के लिए संबधित जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संचालक को आवेदन करना होगा। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत फुटकर व्यापारी, थोक व्यापारी, निर्माता, वितरक, पैकिंग करने वाले, परिवहनकर्ता, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण, होटल, रेस्टोरेंट, क्लब, बोर्डिंग हाउस, केंटीन, भोजन विक्रेता, ढाबा, स्थायी व अस्थायी स्टॉल धारक, हॉकर, घर में टिफिन बनाने वाले दायरे में आएॅँगे। आयुक्त श्री सुब्रमणियम ने कहा कि लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर के फूड सेफ्टी एक्ट की कमी महसूस की जा रही थी। भारत के खाद्य पदार्थों में पैकेजिंग व मैन्युफेक्चरिंग का स्तर अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं है। इसके जरिए हमारे ब्रांड को वैश्विक मजबूती मिलेगी। खाद्य अधिकारियों ने बताया कि अमानक खाद्य पदार्थ व किसी भी समस्या पर ग्राहक सीधे कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। व्यसायियों को हिदायत दी गई है कि वे नियमों का पालन करें।


एक से पॉँच वर्ष का लाइसेंस

अधिनियम के अंतर्गत एक से पॉँच वर्ष का लाइसेंस लेना पड़ेगा। खाद्य व्यवसायी के लिए दो हजार रुपए वार्षिक फीस है, जो राज्य सरकार के अंतर्गत होगा। लाइसेंस नंबर प्राप्त होने के बाद पैकेट्स पर लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य होगा। मिठाई निर्माता व दुकानदारों के लिए भी यह नियम लागू होगा।

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