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वनभैंसा की होगी क्लोनिंग !

रायपुर| Naidunia| Last Modified बुधवार, 14 मार्च 2012 (01:26 IST)
छग की एकमात्र दुर्लभ प्रजाति की मादा वनभैंसा के जीन को बचाने के लिए उसकी क्लोनिंग की जाएगी। वन मुख्यालय में गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई । बैठक में वनभैंसा की क्लोनिंग पर विचार किया गया। इसके लिए नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल और सेंट्रल फार सेल्यूलर एण्ड माइक्रोबायोलाजी हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में वाइल्ड ट्रस्ट आफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई ) नई दिल्ली के चेयरमैन डा. रंजीत सिंह और वन्यप्राणी के मुख्य वन संरक्षक राम प्रकाश सीसीएफ अनुप श्रीवास्तव सहित कई एनजीओ के अध्यक्ष भी शामिल थे। प्रदेश की एकमात्र मादा वन भैंसे को बचाने के लिए उदंती अभयारण्य में 26 हेक्टेयर क्षेत्रफल में निर्मित एक बाड़े में उसका संरक्षण किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद वन विभाग इसके संरक्षण को लेकर चितिंत है। बाड़े में एक पाड़ा भी है। समय- समय पर इस बाड़े में नर वनभैंसे को बदलकर रखा जाता है। मादा वनभैेंसे से दो बार नर पाड़े हुए, लेकिन वन विभाग को वंश बढ़ाने के लिए एक मादा वनभैंसे का इंतजार है। अब उसकी नस्ल को बचाने और वंश बढ़ाने के लिए क्लोनिंग पद्धति का सहारा वन विभाग लेगा। इसके जीन को प्रीजर्व किया जाएगा। गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल और सेंट्रल फार सेल्यूलर एण्ड माइक्रोबायोलाजी हैदराबाद के वैज्ञानिकों को इस संबं;घळर्-ऊि्‌झ। में प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। बैठक में पुराने एक्शन प्लान को भी मंजूरी दी गई।

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