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Written By ND

भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति बरामद

मूर्ति तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति बरामद -
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अपराध शाखा ने मूर्तियों की तस्करी करने वाले एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो मंदिरों से ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की मूर्तियों को चुराकर उन्हें महँगे दामों पर बेचता था। गिरोह के तीन सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इनके कब्जे से लगभग 200 वर्ष पुरानी भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा भी बरामद की गई है।

कुछ दिनों पहले पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग एक पुरानी मूर्ति को बेचने की फिराक में घूम रहे हैं। इस पर मामले की पड़ताल की जिम्मेदारी अपराध शाखा के एएसपी अरविंद तिवारी और डीएसपी जितेंद्रसिंह को सौंपी गई। दोनों अधिकारियों ने दल गठित कर मामले को सुलझाने के निर्देश दिए।

टीम को जानकारी मिली कि तीन व्यक्ति कुलकर्णी का भट्टा के पास एक ग्राहक को मूर्ति बेचने आने वाले हैं। इस पर अपराध शाखा के निरीक्षक एसएस यादव सहित आरक्षक आदर्श दीक्षित, रज्जाक, दीपक, ओमप्रकाश आदि ने घेराबंदी कर ली। जैसे ही आरोपी तय स्थान पर पहुँचे, पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। उनके कब्जे से 200 वर्ष पुरानी और अष्टधातु की भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा बरामद हुई।

टीकमगढ़ से चुराई थी मूर्ति
टीकमगढ़ के ग्राम बांछोड़ा स्थित मंदिर से 31 दिसंबर 08 को मूर्ति चुरा ली थी। इस घटना के बाद जैन समुदाय में रोष फैल गया था और लोगों ने बाजार बंद कर मूर्ति बरामद करने की माँग की थी। बरामद की गई प्रतिमा ऐतिहासिक है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी कीमत रखती है। उसके पीछे उसकी निर्माण तिथि संवत्‌ 1892 लिखा हुआ है। इसका वजन 18 किलो है।

3 करोड़ में बेचना चाहते थे
आरोपी मूर्ति के ऐतिहासिक महत्व को जानते थे इसलिए वे मुंबई और महाराष्ट्र के कई लोगों से संपर्क कर चुके थे। ये 3 करोड़ रुपए में मूर्ति बेचना चाहते थे, लेकिन खरीददार इसके एक-डेढ़ करोड़ से अधिक नहीं दे रहे थे। इसी दौरान महाराष्ट्र के एक खरीददार से सवा करोड़ रुपए में सौदा हो गया और उसे मूर्ति की डिलेवरी इंदौर में देना तय हुआ था।

पकड़े गए आरोपी इंदौर के
पकड़े गए आरोपियों के नाम रिंकू उर्फ हारुन (24) पिता मुन्ना आजाद निवासी हिना पैलेस कॉलोनी खजराना, निसार (30) पिता नजर मोहम्मद निवासी पुरानी जेल के पीछे आजाद नगर और सैयद शहंशाह अली (20) पिता सैयद नासिर अली निवासी रज्जाक कॉलोनी बेटमा हैं। बदमाशों का एक साथी राजू बटला निवासी जतारा फरार है।

आरोपी जिस बाइक क्रमांक एमपी-07 एमटी-3967 से आए थे उसका नंबर भी जाँच में फर्जी निकला। उक्त बाइक का असली नंबर एमपी- 09/ एमएस-5049 है और वह हाकिम पिता शहजाद निवासी खजराना के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस उससे भी पूछताछ कर रही है।
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