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Written By WD
Last Modified: ट्रेंटन , बुधवार, 13 मार्च 2013 (19:39 IST)

बेरोजगारी लाभों के लिए न्यूजर्सी में शर्तें होंगी कड़ी

बेरोजगारी लाभों के लिए न्यूजर्सी में शर्तें होंगी कड़ी -
ट्रेंटन। काम की तलाश में घूम रहे न्यूजर्सी के लोगों को अपना साप्ताहिक बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए और अधिक बाधाओं का सामना करना होगा। गवर्नर क्रिस क्रिस्टी के प्रशासन ने इन लोगों के लिए नए नियम प्रस्तावित किए हैं।

बेरोजगार नागरिकों को एक सरकारी जॉब्स बोर्ड (जॉब्स4जर्सी डॉट कॉम) पर प्रत्येक सप्ताह नौकरियों को खोजना होगा। नौकरियों की यह खोज ऑनलाइन होगी। अभी तक कोई भी सरकारी कर्मचारियों से फोन, मेल, ऑनलाइन या निजी तौर पर मौजूद होकर नौकरियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकता था।

स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ लेबर एंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट का कहना है कि नौकरियों की साप्ताहिक खोज तक से कम ऐसा काम है, जो कि एक नौकरी चाहने वाला कर सकता है। साथ ही गवर्नर चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम पर लगाकर न्यूजर्सी के करदाताओं के पैसों को बचाया जाए। श्रम विभाग के अधिकारियों ने अपने रजिस्टर में लिखा है कि अगर नौकरी चाहने वाला व्यक्ति जॉब्स4जर्सी डॉट कॉम पर अपने को ‍रजिस्टर नहीं कराता है और सक्रिय होकर काम नहीं खोजता है तो उसे बेरोजगारी लाभ नहीं लेने चाहिए।

विभाग का कहना है कि इस तरह का प्रत्येक प्रयास सभी करदाताओं को लाभ पहुंचाता है क्योंकि यह अनएम्पलॉयमेंट कम्पंजेशन ट्रस्ट फंड की कर्ज भरने की क्षमता को बढ़ाता है, पर कुछ लोगों का मानना है कि इन अतिरिक्त जरूरतों से उन लोगों पर अवांछित रूप से असर पड़ सकता है, जिनके घर पर इंटरनेट की पहुंच नहीं है। जो लोग प्रत्येक घंटे नौकरी की तलाश में रहते हैं, उनके लिए इस तरह सुपर-तकनीकी शर्तें लगाना ठीक नहीं है। नेशनल एम्पलॉयमेंट लॉ प्रोजेक्ट की को-पॉलिसी डायरेक्टर मॉरिस एमसेलम कहती हैं कि ये वे लोग हैं जो सिस्टम को चलाने में पहले से ही तकलीफ महसूस कर रहे हैं।

असेम्बली सदस्य वेएन डिएंजेलो का कहना है कि इस तरह का बदलाव उन लोगों के लिए बहुत दुखदायी होगा जिनके पास इंटरनेट की एक्सेस नहीं है। कुल लोगों को तकनीक दुरूह लग सकती है और कुछ लोगों को निर्देश समझने में भी परेशानी आ सकती है। इस मामले पर क्रिस्टी और लेबर डिपार्टमेंट ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि राज्य के अधिकारी 20 अप्रैल तक इंतजार करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रस्तावित बदलाव पर सार्वजनिक टिप्पणियों को पेश करने की यह समय सीमा तय की गई है।