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Written By भाषा

माओवादियों से वार्ता नहीं-बुद्धदेव

पश्चिम बंगाल में नया अभियान शुरू होगा

माओवादियों से वार्ता नहीं-बुद्धदेव -
पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित जिले में पहुँचने के बाद मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने रविवार को हथियार डालने और हिंसा त्यागने तक माओवादियों या आदिवासियों के संगठन से बातचीत शुरू करने के विचार को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार माओवादियों के खिलाफ नया अभियान शुरू करने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित लालगढ़ और आसपास के इलाकों में कानून की स्थिति में सुधार आने की भी बात कही, लेकिन यह भी कहा कि इन इलाकों में अभी और सुधार की जरूरत है।

नक्सल प्रभावित मिदनापुर, बांकुड़ा और पुरूलिया में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बुद्धदेव ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस और कई गैर सरकारी संगठनों के माओवादियों से संपर्क हैं और यह ‘दयनीय स्थिति’ है कि एक बड़ी राजनीतिक पार्टी ‘प्रतिबंधित’ संगठन के साथ संपर्क बनाए हुए है।

उन्होंने कहा कि माओवादियों और पीसीपीए से बात करने की कोई संभावना नहीं है। उन्हें हमसे बात करने के पूर्व हथियार डालकर हिंसा छोड़नी होगी और केंद्र की यह प्राथमिक शर्त है। ’’बहरहाल, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने माओवादियों के प्रभाव वाले क्षेत्र लालगढ़ इलाके में किए गए विकास कार्यों’ से खुशी व्यक्त करते हुए इसकी रफ्तार बढ़ाये जाने पर जोर दिया।

माओवादी विरोधी अभियान में पश्चिम बंगाल के शामिल होने के बारे में उन्होंने कहा कि अभियान पश्चिम बंगाल के लिए नहीं है। यह अन्य तीन प्रदेशों के लिए है। हम अपने आप इस समस्या से निपट सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमने अतिरिक्त बलों की मांग की थी और केंद्र ने हमें छह कंपनियाँ भेजीं। माओवादियों पर नियंत्रण के लिए हमारे लिए यही पर्याप्त है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लालगढ़ और उसके नजदीकी इलाकों में, जहाँ माओवादियों का राज था, नियम और कानून की स्थिति में पर्याप्त सुधार आया है, लेकिन हाल के हमलों के मद्देनजर सुरक्षा बलों और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का फैसला किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारग्राम उपसंभाग की स्थिति की समीक्षा करने के बाद हमने पुलिस थानों में पुलिस बल की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। बाउंड्री वॉलों का निर्माण और पीसीपीए तथा माओवादियों से निपटने के लिए संवेदनशील हथियारों की उपलब्धता भी बढ़ाई जाएगी

यह पूछे जाने पर कि संयुक्त बलों की मौजूदगी के बाद भी हत्या के कई मामले सामने आए हैं, उन्होंने कहा कि एक साल पहले की स्थिति के बारे में सोचिए। उस समय पुलिस उन इलाकों में घुस भी नहीं सकती थी और पूरा इलाका माओवादियों और पीसीपीए के कब्जे में था। यह सच है कि पूरे इलाके पर हमारा नियंत्रण नहीं है, लेकिन सुरक्षा बल कई अहम स्थलों, सड़कों और गाँवों पर नियंत्रण स्थापित करने में सफल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उनके पास तृणमूल कांग्रेस और कई गैर सरकारी संगठनों के माओवादियों से हाथ मिलाए होने के सबूत हैं और इससे सुरक्षा बलों का काम कठिन हो रहा है। इस वर्ष जून में संयुक्त अभियान शुरू होने के बाद सचिवों के वादे के बावजूद विकास कार्य नहीं होने या मामूली विकास होने के संबंध में लगाए गए आरोपों पर बुद्धदेव ने कहा कि माओवादियों और पीसीएपीए समर्थकों की ओर से लगातार खतरे के कारण विकास प्रक्रिया बाधित हो रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्य सड़क के आस-पास के इलाकों में विकास कार्य हुए हैं और वहाँ संयुक्त बलों का नियंत्रण है। हालाँकि गाँवों या जंगलों तक संयुक्त बलों का पहुँचना अभी बाकी है। स्कूल भवनों में संयुक्त बलों के ठहरे होने के बारे में पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि उसे अगले साल मध्य जनवरी तक खाली कर दिया जाएगा। (भाषा)