• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. राष्ट्रीय
Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 1 नवंबर 2009 (20:09 IST)

नोटिस के नियम को पायलटों की चुनौती

नोटिस के नियम को पायलटों की चुनौती -
देश में पायलटों और एयरलाइनों के बीच बढ़ते टकराव के बीच पायलटों की एक संस्था सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ इंडियन पायलट्स ने अपने सदस्यों पर नौकरी छोड़ने के लिए छह माह पूर्व सूचना देने की शर्त के खिलाफ जेट एयवेज और केंद्र सरकार को अदलात में घसीटा है।

संस्था का दावा है कि वह नरेश गोयल की कंपनी जेट एयरवेज के 790 पायलटों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है।

नागर विमानन सेवा की शर्तों :सीएआर: के तहत पायलटों पर किसी एयरलाइन की नौकरी छोड़ने के लिए छह माह का नोटिस की शर्त लागू है।

संस्था ने इस व्यवस्था के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। न्यायाधीश ने इसे सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए नागर विमानन महानिदेशालय और जेट एयरवेज को नोटिस जारी किए हैं।

याचिका में कहा गया है कि जेट सहित कई एयरलाइनें इस प्रावधान का दुरूपयोग कर रही हैं और उनके प्रबंधक इसका गलत फायदा उठाते हुए पायलटों की सेवा शर्तों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

लिंक लीगल कानूनी फर्म के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि विमानन कंपनियाँ इस विवादास्पद अनुधिसूचना के प्रावधानों का गलत इरादे से इस्तेमाल करने का प्रयास कर रही हैं और पायलटों पर छह माह के नोटिस की अवधि की शर्त थोप दी है। ऐसा करने वालों में प्रतिवादी नं 3 :जेट एयरवेज:भी शामिल है।

पायलटों की इस संस्था ने कहा है कि सीएआर के इस प्रावधान का विमानन कंपनियाँ दुरुपयोग कर रही हैं क्योंकि इसके कारण उन्हें अनुचित रूप से मजबूत अवसर मिल गया है।

संगठन ने यह भी कहा है कि नागर विमानन महानिदेशालय 22 अप्रैल 09 को जेट एयरवेज को यह साफ कह चुका है कि यदि पायलटों की सेवा शर्तों में बदलाव या संशोधन किया गया तो उस स्थिति में सीएआर लागू नहीं होगा।

बावजूद इसके जेट और और कंपनियाँ अपने पायलटों को सेवा से मुक्त करने या उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से मना कर रही हैं।

उनका कहना है कि सीएआर सितंबर, 2005 में उस समय लाया गया था, जबकि इस क्षेत्र में जोरदार तेजी चल रही थी पर अब वह बात नहीं रह गई है। जेट ने कई घाटे के मार्गों पर उड़ाने बंद कर दी हैं।

याचिका में यह भी कहा गया है कि महानिदेशालय :डीजीसीए: सीएआर उड्डयन क्षेत्र के परिचालन, प्रयोग , सामानों के रखने, रखरखाव आदि के बारे में सीएआर जारी कर सकता है। उसे पायलटों की सेवा शर्तों को तय करने का अधिकार नहीं हैं। ऐसे में यह अधिसूचना मौलिक अधिकार के विरूद्ध है।