Last Updated :फतेहपुर/गुवाहाटी। , सोमवार, 11 जुलाई 2011 (01:56 IST)
दो ट्रेन हादसों में 37 की मौत, 170 घायल
रविवार के दिन देश में हुए दो ट्रेन हादसों में 37 लोगों की मौत हो गई और 170 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पहला हादसा हावड़ा से दिल्ली जा रही 'कालका मेल' की 13 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिससे कम से कम 37 लोग मारे गए और 170 घायल हुए। दूसरी घटना गुवाहाटी-पुरी एक्सप्रेस में हुई, जिसमें ट्रेन के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए और 4 पलट गए। दोनों ही घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले में मालवा रेलवे स्टेशन के पास दोपहर करीब 12 बजे कालका मेल की दुर्घटनाग्रस्त हुई जबकि रविवार की रात करीब साढ़े आठ बजे दूसरी दुर्घटना असम में हुई, जहां गुवाहाटी-पुरी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे बेपटरी होने के साथ ही तीन डिब्बे पलट गए, जिसमें 100 लोगों के घायल होने के समाचार हैं।
हालांकि रेल विभाग 16 लोगों के घायल होने की पुष्टि कर रहा है। इन दोनों रेल दुर्घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने रेल राज्यमंत्री से बातचीत की। कालका मेल की दुर्घटना का शुरुआती कारण ड्राइवर द्वारा आपातकालीन ब्रेक लगाने की बात कही जा रही है, जिसके कारण इंजन समेत 12 बोगिया एक-दूसरे पर चढ़ गईं।
उधर असम में जब 'गुवाहाटी-पुरी एक्सप्रेस' रंगिया से भाटापाड़ा के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गई। रेलवे विभाग का मानना है कि रेल पटरी पर ब्लास्ट करके उसे उड़ाया गया, जिसके कारण 8 डिब्बे पटरी उतर गए और 4 डिब्बे पलट गए। पटरी के पास से ब्लास्ट के तार भी मिले हैं। घटना में 50 लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है लेकिन असल में ये आंकड़ा 100 से ज्यादा का है। दर्जनों घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
आंकडों के अनुसार भारत में रोजाना 2 करोड़ लोग रेल से यात्रा करते हैं लेकिन कोई नहीं जानता कि वह सुरक्षित यात्रा कर सकेगा या मौत के सफर को गले लगा लेगा। अपुष्ट जानकारी के मुताबिक 'कालका मेल' में 70 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है क्योंकि 10 घंटे गुजर जाने के बाद भी रेल के डिब्बों से लाशों के साथ ही घायलों को निकालने का सिलसिला देर रात तक जारी था।
रविवार को हुई दो भीषण रेल दुर्घटनाओं ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। इन दुर्घटनाओं की जांच रेल कमिश्नर करेंगे। कालका मेल की दुर्घटना के बारे में विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं।
एक बात यह कही जा रही है कि मवेशियों के पटरी पर आ जाने के कारण ड्राइवर ने आपातकालीन ब्रेक लगाया जबकि गार्ड का कहना था कि ग्रीन सिग्नल के कारण गाड़ी अपनी पूरी रफ्तार में थी। ऐसे में आपात ब्रेक लगाने का सवाल ही नहीं उठता। आपात ब्रेक सुरक्षा के लिए होता है न कि किसी दुर्घटना के।
बहरहाल, देर रात तक सेना के जवान कालका मेल के एस वन और एस टू के साथ ही जनरल बोगियों में राहत कार्य जारी रखे हुए थे। इसमें घायलों को हेलीकॉप्टर के जरिये भी अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। असम दुर्घटना के बारे में रेलवे का बयान है कि कम तीव्रता के विस्फोट की वजह से यह हादसा हुआ है।
फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक रामभरोसे ने बताया कि इस हादसे में 37 लोग मारे गए हैं और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। उत्तर-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक हरीशचंद्र जोशी ने बताया कि कानपुर-फतेहपुर के बीच मलवा के पास हुई इस दुर्घटना में ट्रेन इंजन समेत 12 बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं।
रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए जबकि गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख तथा मामूली तौर पर घायल हुए यात्रियों को 25-25 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
उधर लखनऊ में मुख्यमंत्री मायावती ने इस हादसे पर दु:ख व्यक्त करते हुए दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजन को एक-एक लाख रुपए, गम्भीर रूप से घायलों को 50-50 हजार तथा मामूली रूप से जख्मी लोगों को 25-25 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।
हेल्पलाइन नंबर : राहत और बचाव कार्यों के बारे में सूचना देने के लिए हेल्पलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं, जिसका दिल्ली में नंबर 23962389,23967332, इलाहाबाद में नंबर 05322407352, 05322408128, फतेहपुर में नंबर 05180222025,05180222026, कानपुर में नंबर 05122323015,05122323016 तथा खुजरा में नंबर 05738253084 हैं। असम का हेल्पलाइन नंबर 03324613660 है। (वेबदुनिया न्यूज)