गोधरा के गुनाहगारों को सजा-ए-मौत
11 लोगों को फाँसी, 20 को आजीवन कारावास
गोधरा कांड में सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने मंगलवार को 11 दोषियों को फाँसी की सजा सुनाई और 20 अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा मिली।विशेष न्यायाधीश पीआर पटेल ने इस मामले को ‘दुर्लभ में से भी दुर्लभतम’ की श्रेणी में रखते हुए 11 दोषियों को मौत की सजा सुनाई, जबकि दोषी ठहराए गए 20 अन्य लोगों को उम्रकैद की सजा दी गई।लोक अभियोजक जेएम पंचाल ने कहा कि गोधरा के पास साबरमती एक्सप्रेस के एस6 कोच में आग लगाने की साजिश में उनकी सक्रिय भूमिका देखते हुए अदालत ने 11 लोगों को मौत की सजा दी है।अदालत ने उम्रकैद की सजा पाने वाले दोषियों पर विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माना भी लगाया है, जो उनकी कैद के साथ-साथ चलेगा।अभियोजन पक्ष का कहना था कि यह बहुत जघन्य अपराध था और इसलिए सभी 31 दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए।इसके पहले 22 फरवरी को अदालत ने 31 लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने अभियोजन पक्ष की इस बात को स्वीकार किया था कि इस घटना के पीछे एक साजिश थी।अदालत ने 31 आरोपियों को धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया था।इन सभी को धारा 147, 148 (घातक हथियारों के साथ हमला करना), 323, 324, 325 और 326 (नुकसान पहुँचाना), और 153ए (धार्मिक आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के अलावा भारतीय रेलवे अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निरोधक अधिनियम और बंबई पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी दोषी ठहराया था। (भाषा)