अगहन को मार्गशीर्ष मास (Margashirsha maas) कहने के पीछे कई तर्क हैं। इस माह भगवान श्री कृष्ण की पूजा अनेक स्वरूपों तथा अनेक नामों से की जाती है। इन्हीं स्वरूपों में से एक मार्गशीर्ष भी श्री कृष्ण का ही रूप है।
आइए जानते हैं मार्गशीर्ष गुरुवार के नियम, क्या करें क्या न करें-
क्या करें-
1. मार्गशीर्ष मास में इन 3 पाठ को गुरुवार के दिन पढ़ने की बहुत महिमा है। अत: विष्णु सहस्त्रनाम, भगवद्गीता और गजेन्द्र मोक्ष। अत: इन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए।
2. इस दिन पूजन संबंधी सामग्री, जैसे- चंदन, पूजा की प्रतिमा, मोर पंख, आसन, तुलसी की माला, जल कलश, पीतांबर, दीपक आदि का दान करनाअतिशुभ माना गया है।
3. मार्गशीर्ष गुरुवार के दिन सायंकाल के समय तुलसी जी के पास एक दीपक जरूर जलाएं।
4. मार्गशीर्ष गुरुवार के दिन अपने गुरु अथवा इष्ट को ॐ दामोदराय नमः कहते हुए प्रणाम करना चाहिए, इससे जीवन के अवरोध समाप्त होते हैं।
5. मार्गशीर्ष गुरुवार को महिलाएं घर के मुख्य द्वार से लेकर आंगन तथा पूजा स्थल तक चावल आटे के घोल से आकर्षक अल्पनाएं बनाएं, तो देवी लक्ष्मी उन्हें अपार संपत्ति का वरदान देती है।
6. मार्गशीर्ष माह का महत्व अपने गोपियों को कहते हुए भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि जो इस माह यमुना स्नान करेंगे, उन्हें मैं सहज ही सभी को प्राप्त हो जाऊंगा। अत: इस अगहन मास में या मार्गशीर्ष गुरुवार को नदी स्नान का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है।
7. इस दिन माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए हर मनुष्य लक्ष्मी जी एवं नारायण की प्रतिमा स्थापित करके इनकी उपासना करके खीर का भोग तथा श्री नारायण को गुड़-चने का भोग लगाना चाहिए।
8. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें।
क्या न करें-
1. इस दिन बाल न कटवाएं और ना ही नाखून काटें।
2. किसी की निंदा करें और न ही सुनें।
3. अपने गुरु, माता-पिता, बहनों, बुआ, कन्या का अनादर न करें।
4. यदि किसी से बोलचाल या घर में क्लेश हो जाए तो निंदा ना करें।
5. जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए।
6. तामसिक तथा मांसाहारी भोजन ग्रहण न करें।
7. इस दिन अपने विचारों को भौतिक सुख-सुविधाओं दूर रखें तथा ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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