गुरुवार, 1 मई 2025
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हँसगुल्ले इश्क के
Written By
WD
प्यार है तुमसे !
राजन - मैं तुमसे प्यार करता हूँ अंजली।
अंजली - मेरी माँ इस प्यार-व्यार को ठीक नहीं समझती, तुम ही बताओ मैं क्या करूँ?
राजन - मैं माँ से नहीं, तुमसे प्यार करता हूँ अंजली।
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जानिए कितनी है वैभव सूर्यवंशी की नेट वर्थ , किस परिवार से आता है क्रिकेट का यह युवा सितारा?
Vaibhav Suryavanshi net worth : 14 साल की उम्र में आईपीएल में तूफानी शतक जड़कर बिहार के लाल वैभव सूर्यवंशी रातों-रात क्रिकेट के गलियारों में छा गए हैं। राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम देकर इस युवा सनसनी को अपने खेमे में शामिल कर लिया। अब हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता हासिल करने वाले वैभव सूर्यवंशी की कुल संपत्ति (नेट वर्थ) कितनी है और वह किस परिवार से ताल्लुक रखते हैं?
एक ग्रह पर जीवन होने के संकेत, जानिए पृथ्वी से कितना दूर है यह Planet
Exoplanet With Life Possibility: इन दिनों बड़ी चर्चा है कि हमारे सौरमंडल (solar system) के बाहर जीवन की खोज में खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम को एक नया उत्साहवर्धक साक्ष्य मिला है। 'द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इन खगोलविदों ने 120 प्रकाश वर्ष से अधिक दूर एक बाह्य ग्रह के वायुमंडल में 2 ऐसे महत्वपूर्ण रासायनिक यौगिकों के संकेत पाए गए हैं, जो पृथ्वी (Earth) पर केवल जीवित जीवों द्वारा ही बनते हैं। सल्फरधारी इन दोनों यौगिकों के आधार पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि K2-18b नाम के इस सुदूर बाह्य ग्रह पर किसी न किसी रूप में जीवन भी हो सकता है।
समर्स में शरीर की गर्मी बढ़ा देती हैं ये चीजें, पड़ सकते हैं बीमार
Foods To Avoid in Summer: गर्मी, चिलचिलाती धूप और उमस के कारण भूख कम लगती है और इसकी वजह से उन्हें खाने-पीने की इच्छा नहीं होती। जहां गर्मियों में लोग खाने की बजाय ठंडा पानी और नारियल पानी जैसी चीजों का सेवन अधिक करते हैं। गर्मियों में ऐसे फूड्स खाने की कोशिश करनी चाहिए जो शरीर को ठंडा रखें और गर्मी ना बढ़ने दे। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो गर्मियों में शरीर का टेम्परेचर बढ़ा सकते हैं। इसलिए गर्मी के मौसम में इस तरह की चीज़ों को खाने से बचने की सलाह दी जाती है।
गर्मी के दिनों में फैशन में हैं यह कपड़े, आप भी ट्राय करना ना भूलें
Trending summer outfits : फैब्रिक का मतलब कपड़ा या वस्त्र होता है। गर्मी के दिनों में यह किसी भी प्रकार के मुलायम सामग्री से बने होते हैं, जो खासकर समय के दिनों में सभी पहनना पसंद करते हैं। अत: फैब्रिक शब्द का प्रयोग विभिन्न प्रकार के धागों, जैसे कि सूत, रेशम, या सिंथेटिक फाइबर से बने कपड़ों को दर्शाने के लिए किया जाता है, जो हम गर्मी में पहनना पसंद करते हैं। आइए जानते हैं यहां...
क्या है परेश रावल के यूरीन से इलाज के दावे का सच, जानिए क्या बोले यूरोलॉजिस्ट
why did Paresh Rawal drink his urine: हाल ही में, अभिनेता परेश रावल ने मूत्र चिकित्सा के बारे में एक दावा किया, जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। उनके दावे के अनुसार, मूत्र में कई औषधीय गुण होते हैं और यह विभिन्न बीमारियों का इलाज कर सकता है। लेकिन क्या उनके दावे में कोई सच्चाई है? आइए जानते हैं कि मूत्र रोग विशेषज्ञ इस बारे में क्या कहते हैं।
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मजदूर दिवस पर कविता : संघर्ष का सूर्योदय
धूप की पहली किरण, उजागर करती अनगिनत चेहरे, जो झुकते हैं धरती पर, उठाते हैं भार, बनाते हैं राहें। हाथों में खुरदरापन, धमनियों में बहता पसीना, आंखों में संकल्प की ज्वाला, हर सुबह एक नया युद्ध,अस्तित्व की रक्षा का। ईंटों की ठंडी छुअन,
1 मई 2025: गुजरात-महाराष्ट्र स्थापना दिवस का इतिहास, महत्व और भाषाई आंदोलन की कहानी
gujarat and maharashtra sthapana diwas 2025 hindi: हर वर्ष 1 मई को भारत के दो सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य, गुजरात और महाराष्ट्र का स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ एक राजकीय पर्व नहीं है, बल्कि यह उन संघर्षों, आंदोलनों और सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना की याद दिलाता है, जिनकी बदौलत ये दोनों राज्य अस्तित्व में आए।
1 मई, अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर पढ़ें 10 बेहतरीन स्लोगन
Labour Day quotes in Hindi : यहां मजदूर दिवस के अवसर पर वेबदुनिया के पाठकों के लिए पेश हैं 10 बेहतरीन और प्रेरणादायक हिंदी स्लोगन। इन नारों को आप अपने पोस्टर, भाषण, सोशल मीडिया या स्कूल अथवा कॉलेज प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए यहां पढ़ें...
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस : लाखों मजदूरों के परिश्रम, दृढ़ निश्चय और निष्ठा का दिवस है
आज लाखों मजदूरों के परिश्रम, दृढ़ निश्चय और निष्ठा का दिन है अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस। एक मजदूर देश के निर्माण में बहुमूल्य भूमिका निभाता है और उसका देश के विकास में अहम योगदान होता है। किसी भी समाज, देश, संस्था और उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों की अहम भूमिका होती है।
मजदूर दिवस:माओवादियों के मजदूरों की आज़ादी अब दूर नहीं.....
ऊंचे नीचे पहाड़,घने जंगल,घाटियां और संकरी पगडंडियां। माओवादियों के लिए ऐसे दुर्गम क्षेत्र ही सुरक्षित माने जाते है। ऐसे क्षेत्रों में माओवादियों के खाने पीने का सामान पहुंचाना किसी कठिन चुनौती से कम नहीं होता। कई कई किलोमीटर पूरी पूरी रात पैदल चलते हुए रसद का सामान पहूंचाने की जिम्मेदारी भोले भाले और मासूम ग्रामीण उठाने का मजबूर कर दिए जाते है। इनकी भूमिका माओवादियों के मजदूरों की तरह होती है। ये माओवादी संगठनों के साथ रहते हैं और उनके लिए हथियार,राशन,दवाइयां या अन्य जरूरी सामान सामान ढोने का काम करते है। माओवादी संगठन में जन मिलिशिया,सहयोगी वर्ग या लोकल सपोर्ट बेस होता है और इन सबके बीच सामान ढोने वाले मजदूरों को भी शामिल कर लिया जाता है।