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Written By भाषा

मायावती के सितारे बुलंद

मायावती
देश के विभिन्न हिस्सों में चुनावी मुकाबला भले ही मुख्य रूप से कांग्रेस और भाजपा के बीच हो पर ज्योतिषियों के अनुसार बसपा की सुप्रीमो मायावती के सितारे सोनिया गाँधी और लालकृष्ण आडवाणी की तुलना में ज्यादा बुलंद हैं।

चुनावी गणित में ग्रहों की गणना करने वाले ज्योतिषियों की मानें तो सोनिया गाँधी को बुध, चंद्र और गुरु का संयोग भारी पड़ सकता है, लेकिन मायावती की कुंडली में शनि और राहु का संयोग उनके दुश्मनों को भी उनका दोस्त बनाने का कमाल दिखा सकता है।

इस गणित की मानें तो मायावती के वोट बैंक में इस बार वे मुस्लिम भी शामिल हो सकते हैं, जिनका लाभ अब तक उनके विरोधियों को मिलता था, जिससे प्रधानमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा को और बल मिलेगा।

वहीं ज्योतिषी बेजान दारूवाला की मानें तो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी वृश्चिक राशि के आडवाणी के सितारे इस बार उन पर मेहरबान नहीं हैं। उनका कहना है कि अगर भाजपा के सत्ता में आने पर आडवाणी प्रधानमंत्री बन जाते हैं तब भी वे कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएँगे।

इन नेताओं के अलावा भाजपा के प्रधानमंत्री पद के एक और प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की किस्मत भी दाँव पर लगी है लेकिन ज्योतिषी सोनमसिंह मोदी के प्रधानमंत्री बनने के सपने को सिर्फ सपना ही बता रही हैं।

सोनम ने कहा कि मोदी और उनकी पार्टी को बहुत से समझौते करने पड़ेंगे। भविष्य में कुछ अन्य संभावनाएँ हो सकती हैं, पर मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।

मोदी अगर ज्योतिषियों से निराश हो जाएँ, तो अंकों की गणना का सहारा ले सकते हैं। अंकशास्त्री अनुपम वी कपिल के मुताबिक अंकों के हिसाब से मोदी के सितारे बुलंद हैं। अगर मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में प्रचारित किया जाता तो पार्टी को ज्यादा सीटें मिल सकती थीं। आने वाले सालों में उनका भविष्य उज्ज्वल है।

कपिल के अनुसार मायावती मनमोहन के लिए हमेशा समस्या बनी रहेंगी भले ही वे चुनावों के बाद गठबंधन में रहें या नहीं।

दिल्ली के भविष्यवक्ता अजय भांबी को लगता है कि अगर कांग्रेस 2004 के प्रदर्शन को भी दोहराती है तब भी उसे सहयोगी ढूँढने में कठिनाई आएगी।

वरुण गाँधी को राहुल गाँधी के लिए खतरा बताते हुए भांबी कहते हैं कि वरुण को न सिर्फ चुनावों में भारी मात्रा में सहयोग मिलेगा बल्कि वे भविष्य में गाँधी-नेहरू परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का दावा करने वाले राहुल पर भी भारी पड़ेंगे।

दारूवाला कहते हैं नवंबर से देश का सुनहरा वक्त शुरू होगा, जो 2012 में उच्चतम स्तर पर रहेगा। इस दौरान देश एक अंतरद्वीपीय मिसाइल का भी परीक्षण करेगा।