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Written By भाषा

उग्रवादियों से हैं आईएसआई के रिश्ते-मुशर्रफ

ISI Is connected to Militants-Musharraf | उग्रवादियों से हैं आईएसआई के रिश्ते-मुशर्रफ
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने माना है कि उनके देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले के संदिग्ध सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी जैसे उग्रवादी कमांडरों के साथ रिश्ता रखती है।

मुशर्रफ ने डेर स्पीगेल के साथ साक्षात्कार में स्वीकार किया आईएसआई ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत की रिहाई के लिए हक्कानी के प्रभावों का इस्तेमाल किया था, जिन्हें बैतुल्ला महसूद के उग्रवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने बंधक बना लिया था।

पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि हक्कानी वह शख्स है, जिसका असर खतरनाक आतंकवादी बैतुल्ला महसूद पर है, जो दक्षिण वजीरिस्तान का सबसे खूँखार कमांडर और बेनजीर भुट्टो का हत्यारा है।

मुशर्रफ ने कहा कि महसूद नकाबुल में हमारे राजदूत का अपहरण किया है और हमारी खुफिया एजेंसी ने उनकी रिहाई के लिए हक्कानी के प्रभाव का उपयोग किया।

उन्होंने कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि हम हक्कानी की हिमायत करते हैं। खुफिया सेवा कुछ खास दुश्मनों को कुछ दूसरे दुश्मनों के खिलाफ इस्तेमाल करती है। सभी को एक साथ दुश्मन बना लेने से बेहतर है कि एक के बाद दूसरे से निबटा जाए।

यह पूछने पर कि आईएसआई ने सुनियोजित रूप से तालिबान की हिमायत की, मुशर्रफ ने कहा खुफिया एजेंसियों की हमेशा अन्य नेटवर्क तक पहुँच होती है। यही अमेरिकियों ने केजीबी के साथ किया, यही आईएसआई भी करती है।

कौहक्कानी : उल्लेखनीय है कि सिराजुद्दीन हक्कानी मशहूर मुजाहिदीन कमांडर जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है, जो अफगान तालिबान का सर्वोच्च कमांडर हैपर सात जुलाई 2008 को काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले का सरगना होने का आरोप है।

निशानभारत : मुशर्रफ ने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ पर स्वात घाटी में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। उनका आरोप था कि भारतीय खुफिया एजेंसी बलूच विद्रोहियों को हथियार दे रही है और उनका वित्तपोषण कर रही है।

पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक भारतीय उग्रवादी हैं, जो पाकिस्तान में उग्रवादी हैं। मुशर्रफ ने दावा किया कि अगर दुनिया आतंकवाद से निबटने के मामले में गंभीर है तो उन्हें भारत को नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान के मौजूदा हालात के पीछे एक भारतीय तत्व है।