सबसे ज्यादा दुखी मां के लिए
- ग्रॅब्रिएला मिस्त्राल
पिता ने कहा था चाहेंगे वे मुझसेछुटकारा पानावे चीखे थे मां की ओरकि फेंक ही देंगे वे मुझे उस रात घर से बाहरये रात सितारों के प्रकाश से कोमल हैशायद मिल ही जाए राह मुझेपास के गांव की लेकिनमान लो ठीक इसी वक्त जन्म ले लें वह तोमेरी सिसकियों से संभवतः वह जाग उठा हैशायद आना चाहता है वह बाहर कि देख सकेआंसुओं से भीगा मेरा चेहरालेकिन इस शीत में ठिठुरता रहेगा वहऔर मैंढंक लूंगीउसे।
अनुवाद- नरेंद्र जैन
(पहल की पुस्तिका ‘पृथ्वी का बिंब’ से साभार)