आओ, हम फिर से जिएं
अजित कुमार
आओ हम फिर से जिएंबहता-बहता मेघखंड जोपहुंच गया है वहां क्षितिज तक...लौटा लाएं उसे,कहें :'
ओ, फिर से बहो!मंद, मंथर, मृदु गति से...शोभावाही मेघ, रसीले मेघ, दूत!जो कथा कही थी, फिर से कहो!'और...अपलक, अविचलहम उसे निरखते रहें, सुनें!आओ, हम फिर से जिएं!