श्रीयंत्र साधना हेतु
॥ राशि के अनुसार मूल मंत्र ॥
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डॉ. मनस्वी श्रीविद्यालंकारसाधक अपनी राशि के मंत्र का चयन कर नियमित रूप से श्रीयंत्र की पूजा करें। कम-से-कम एक माला इष्ट मंत्र का जाप करें। इससे राशि प्रभावगत दोषों का निवारण होकर सुख-सौभाग्य व सम्पत्ति की प्राप्ति होती है। शुभ प्रभाव बढ़ाने, धन-संपदा व सुख प्रदान करने में ये मंत्र अत्यन्त प्रभावी माने जाते हैं। अतः साधक को अपनी राशि से संबंध रखने वाले मंत्र का जाप करने से निश्चय ही लाभ होता है। अपने नाम के प्रथम अक्षर से राशि देखना चाहिए।राशि नामाक्षर मंत्र मेष चू चे चो ला ली लू ले लो अ ॐ ऐं क्लीं सोः वृषभ इ उ ए ओ वा वी वू वे वो ॐ ऐं क्लीं श्रीं मिथुन का की कू घ ङ छ के को हा ॐ क्लीं ऐं सोः कर्क ही हू हे हो डा डी डू डे डो ॐ ऐं क्लीं श्रीं सिंह मा मी मू मे मो टा टी टू टे ॐ ह्रीं श्रीं सोः कन्या टो पा पी पू ष ण ठ पे पो ॐ क्लीं ऐं सोः तुला रा री रू रे रो ता ती तू ते ॐ ऐं क्लीं श्रीं वृश्चिक तो ना नी नू ने नो या यी यू ॐ ऐं क्लीं सोः धनुु ये यो भा भी भू धा फा ढा भे ॐ ह्रीं क्लीं सोः मकर भो जा जी खी खू खे खो गा गी ॐ ऐं क्लीं श्रीं कुंभ गू गे गो सा सी सू से सौ दा ॐ ऐं क्लीं श्रीं मीन दी दू थ झ ञ दे दो चा ची ॐ ह्रीं क्लीं सोः