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Written By WD
Last Modified: बुधवार, 11 दिसंबर 2013 (09:37 IST)

दिल्ली में कौन बनेगा मुख्‍यमंत्री या होंगे फिर से चुनाव?

दिल्ली में कौन बनेगा मुख्‍यमंत्री या होंगे फिर से चुनाव? -
नई दिल्ली। दिल्ली में चुनाव परिणामों में त्रिशंकु विधानसभा आने के बाद भी बुधवार को भी सरकार गठन को लेकर गतिरोध कायम है। एक ओर जहां आम आदमी पार्टी को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस में मंथन चल रहा है तो दूसरी ओर भाजपा और आप पार्टी विपक्ष में बैठने के लिए अड़ी हुई है। इस बीच दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की कवायद के बीच फिर से चुनाव कराने की चर्चा चल रही है। ऐसे में दिल्ली में क्या होगा सभी में यह जिज्ञासा बनी हुई है।
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कांग्रेस आप को समर्थद देने को तैयार : उधर, कांग्रेस पार्टी दिल्ली की सत्ता से 'सांप्रदायिक तत्वों' को दूर रखने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को 'बिना शर्त' समर्थन देने का मन बना रही है। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दिल्ली में पार्टी के कई नेताओं का सुझाव है कि आप को बिना शर्त बाहर से समर्थन दिया जाए। हम सांप्रदायिक तत्वों को दूर रखना चाहते हैं।

मंगलवार को ही इससे पहले पार्टी महासचिव शकील अहमद ने बताया कि दिल्ली में पार्टी नेताओं का मानना है कि 'आप' को बिना शर्त समर्थन दिया जाए।

शकील अहमद ने आगे कहा कि लेकिन हम इसके लिए पहले चुनकर आए अपने विधायकों की राय जानेंगे। इसके बाद हम पार्टी हाईकमान से विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लेंगे। शाम में शकील और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने दिल्ली से चुनकर आए सभी आठ विधायकों के साथ बैठक की। अहमद से जब पूछा गया कि इस बैठक का 'आप' को समर्थन देने से क्या कोई संबंध था, अहमद ने कहा कि हम उन्हें बधाई देना चाहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सोनिया दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के श्रद्धांजलि समारोह में हिस्सा लेने गई हैं।

राज्यपाल की भूमिका : इसी बीच चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आज घोषित कर दिया जिसके साथ ही उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा सरकार गठन की दिशा में औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया। माना जा रहा है कि जंग सरकार बनाने के लिए भाजपा को बुला सकते हैं। यदि भाजपा सरकार बनाने की पेशकश ठुकरा देती है तो वह आप से पूछ सकते हैं कि क्या वह सरकार बनाने की संभावना तलाशने के लिए इच्छुक हैं। यदि वे भी मना कर देते हैं तो दिल्ली की बागडोर राज्यपाल के हाथों में चली जाएगी।

आप और भाजपा का रुख, अगले पन्ने पर...



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भाजपा चुनाव के लिए तैयार : भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को ली एक बैठक में अपने 31 नवनिर्वाचित विधायकों से अगले कुछ महीने में चुनाव के लिए तैयार हो जाने को कहा। औपचारिक रूप से विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हषर्वर्धन ने कहा कि पार्टी के पास संख्याबल नहीं है एवं वह चुनाव का सामना करने के लिए तैयार है।

अपनी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक के बाद हषर्वर्धन ने संवाददाताओं से कहा कि स्थिर सरकार बनाने के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या नहीं है और हम एक बार फिर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

उधर, बीजेजी ने आम आदमी पार्टी पर हमले की धार तेज कर दी है। पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने अरविंद केजरीवाल पर जमकर भड़ास निकाली।

आप की घोषणा : आप के अरविंद केजरीवाल ने भी घोषणा की कि उनकी पार्टी फिर से जनादेश हासिल करने के लिए तैयार है। आप के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि हम इसके लिए (फिर से चुनाव) तैयार हैं। हम सरकार गठन के लिए न तो भाजपा से और न ही कांग्रेस से समर्थन लेंगे और न ही उन्हें समर्थन देंगे। (एजेंसी)