कहा जा रहा है कि इस बार अक्षय तृतीया बिलकुल उन्हीं संयोगों के बीच मनाई जाएगी, जिन संयोगों में भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। यानी अक्षय तृतीया पर्व पर वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, रोहणी नक्षत्र, सूर्य, चंद्र व शनि अपनी उच्च राशि में गोचर करेंगे। इसी दिन राजयोग व रवि योग का संयोग भी बन रहा है।