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Written By ND

उम्मीदों के वसंत में खिलखिलाता नया साल 2012

- गायत्री शर्मा

उम्मीदों के वसंत में खिलखिलाता नया साल 2012 -
नववर्ष के अभिनंदन की मधुर बेला में उम्मीदों के कोरे कैनवास पर बदलाव की कल्पनाओं को उकेरता देश का युवा वर्ग वर्ष 2012 से कई आशाएँ लगाए बैठा है। देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले 5 बड़े सेक्टर (आईटी, एजुकेशन, एंटरटेनमेंट, टूरिज्म और मेडिकल) इस वर्ष बदलाव की कौन-सी करवट लेने वाले हैं। उस बदलाव की धुंधली तस्वीर भी यदि कुछ हद तक साफ होती है तो उसका सीधा असर देश के विकास पर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि देश का युवा इस बारे में क्या सोचता है।

ND
नव सदा शुभ का सूचक होता है। नयापन जहाँ पुराने ढर्रे से कुछ उलट होता है, वहीं यह नई आशाएँ जगाने वाला भी होता है। नई जिम्मेदारियों के साथ अब हम नए वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इस वर्ष को देश के 5 बड़े सेक्टरों में बदलाव के लिहाज से किस रूप में देखा जा रहा है। इस बारे में संबंधित विषय विशेषज्ञों व स्टूडेंट्‌स के विचार जानने के बाद हमारी आँखों में वर्ष 2012 की एक अस्पष्ट तस्वीर सामने आती है, जिसका स्पष्ट होना निश्चित तौर पर हम सभी के लिए खुशियों व तरक्की के आगमन का संकेत होगा। तो क्यों न बदलाव की बयार लाने वाले इस नूतन वर्ष में देश के अपेक्षित विकास की उम्मीदें लगाकर हम नव ऊर्जा व सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस नव वर्ष का स्वागत करें।

शिक्षा क्षेत्र
प्राची दीक्षित (सहायक व्याख्याता, डीएवीवी)
उच्च शिक्षा में प्रयोगधर्मिता के तौर पर लागू किए गए सेमिस्टर सिस्टम की बात करें तो व्यावहारिक तौर पर परीक्षा की यह प्रणाली स्टूडेंट्‌स और टीचर्स दोनों के लिए परेशानियों का सबब बन चुकी है। इसकी बजाय यदि हम वर्षभर में एक बार ही परीक्षा आयोजित कराने पर जोर देंगे तो ऐसा करना अपेक्षाकृत कम खर्चीला, सुविधाजनक व बेहतर परिणामों वाला होगा।

सुझाव
* शैक्षणिक नीतियों में राजनीतिक दखल खत्म की जाए।
* स्टूडेंट्‌स टीचर अनुपात के अंतर को कम किया जाए।
* कॉलेज में सालाना गतिविधियाँ अधिक हों, जिससे कि स्टूडेंट्‌स कॉलेज से जुड़े रहें।
* हम अधिकारों के प्रति जितने चौकन्ने हैं, उतने ही अपने कर्तव्यों के प्रति भी रहें।
* सेमिस्टर सिस्टम को बदलकर पुनः वार्षिक परीक्षाओं वाले पैटर्न को अपनाया जाए।

आईटी क्षेत्र
प्रखर गर्ग (स्टूडेंट, आईईटी, डीएवीवी)
उम्मीद है कि वर्ष 2012 में आईटी सेक्टर को आर्थिक मंदी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इंदौर में टीसीएस, इंफोसिस जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के आने से जहाँ शहर का विकास होगा, वहीं शहर के हजारों शिक्षित बेरोजगारों को नौकरियाँ भी मिलेंगी। इस वर्ष नौकरियाँ बढ़ने से आईटी क्षेत्र में ब्रेन ड्रेन में कमी होगी और भारतीय इंजीनियरों की सेवाओं का उपयोग देश के विकास के कार्यों में लिया जा सकेगा।

सुझाव
* सरकार आईटी कंपनियों को कम कीमत पर जमीन मुहैया कराए।
* कॉलेज से ही स्टूडेंट्‌स को कंपनियों की आवश्यकता के अनुरूप ट्रेनिंग दी जाना चाहिए।
* सरकार को चाहिए कि वह आईटी में रिसर्च के लिए स्टूडेंट्‌स को प्रमोट करें।
* आर्थिक मंदी के लिए पहले से ही तैयारी कर ली जाए।
* इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाया जाए।

मनोरंजन क्षेत्र
इदराक हशमत (थिएटरवाला, मुंबई)
मुझे लगता है कि वर्ष 2012 में रीयल लाइफ पर आधारित स्टोरी या जीवन के किसी एक पक्ष को मुद्दा बनाकर फिल्म व रंगमंच के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। इस नए वर्ष में फिल्मों में नए कलाकारों को मौका मिलेगा। बीते वर्ष में रॉकस्टार और थ्री जैसी फिल्मों के गानों में नए प्रयोग किए गए हैं। वैसे ही नए प्रयोग इस वर्ष भी होंगे, जिससे हमें नया संगीत सुनने को मिलेगा।

सुझाव
* फिल्मों की दखल छोटे शहरों में भी होना चाहिए।
* महानगरों में हर माह फिल्म पर आधारित कोई शो, खुली बहस या फिल्म फेस्टिवल होना चाहिए।
* नई प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए टैलेंट सर्च प्रोग्राम होना चाहिए।
* फिल्मों व नाटकों की कहानियाँ असल जिंदगी के मुद्दों से जुड़ी होना चाहिए।
* मुद्दों को उठाने के लिए अधिक से अधिक डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहिए।

मेडिकल क्षेत्र
डॉ. राजेश सोलंकी (मेडिकल ऑफिसर, इंदौर हाईकोर्ट)
आशा करता हूँ कि वर्ष 2012 मेडिकल क्षेत्र में नवीन तकनीकों व सौगातों के नाम रहेगा। प्रतिस्पर्धा के बढ़ने से इस वर्ष बायपास सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, लीवर ट्रांसप्लांट जैसी महँगी चिकित्सा सुविधाओं के सुलभ व कुछ सस्ता होने की उम्मीद की जा सकती है। आशा है इस वर्ष हम कुछ ऐसी नवीन तकनीकों के संपर्क में भी आएँगे, जिससे कि कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट और एड्‌स जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार आसान तरीकों से संभव हो सके। वर्ष 2012 को यादगार बनाने के लिए हमें एक और काम करना होगा। वह यह कि हमें सरकारी अस्पतालों में आए दिन होने वाली चिकित्सकों व कर्मचारियों की हड़ताल को रोकना होगा, जिससे कि मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधाएँ मिल सके। हड़ताल व तोड़फोड़ के विकल्प के रूप में हमें कुछ ऐसा तरीका खोजना होगा, जिससे कि अस्पताल में कर्मचारियों का कामकाज प्रभावित न हो।

सुझाव
* गाँवों में भी मरीजों को बुनियादी चिकित्सा सुविधाएँ मिले।
* सभी जिला अस्पताओं में अत्याधुनिक सुविधाओं वाली एंबुलेंस उपलब्ध हो।
* दवाइयों व ऑपरेशन के औजारों पर टैक्स कम किया जाए, जिससे कि मरीजों पर ऑपरेशन राशि का भार कम पड़े।
* नकली दवाइयों के निर्माता व विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
* सरकारी अस्पताओं में कम दामों पर कम्प्लीट मेडिकल चेकअप की सुविधाएँ मिले।

पर्यटन क्षेत्र
पंकज जांगिड़ (पर्यटक)
प्राकृतिक सुंदरता व वास्तुशिल्प की उत्कृष्टता के लिहाज से भारत एक धनी देश है, लेकिन सरकार की अनदेखी ने इन इमारतों को जर्जर बना दिया है। वर्ष 2012 में मैं उम्मीद करता हूँ कि देश में पर्यटन स्थलों व प्राचीन इमारतों के रख-रखाव तथा मेंटेनेंस पर पूरा ध्यान दिया जाएगा, जिससे कि अधिक से अधिक भारतीय व विदेशी पर्यटक भारतीय पर्यटन स्थलों पर आएँ।

सुझाव
* पर्यटन स्थलों का प्रॉपर मेंटेनेंस हो।
* पर्यटकों की सुरक्षा को अनदेखा न किया जाए।
* भारत के पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार किया जाए।
* पर्यटन स्थल का महत्व बताने के लिए सरकार द्वारा गाइड की सुविधा अनिवार्य हो।
* भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई यात्रा के किराए में कमी हो।
* सड़कों को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाए।