शुक्रवार, 27 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. अंबेडकर जयंती
  4. Ambedkar Jayanti 2022
Written By

14 अप्रैल : बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती

Ambedkar Jayanti 2022
B.R.Ambedkar डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर (डॉ॰ भीमराव रामजी अंबेडकर) बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने अपने बहुआयामी व्यक्तित्व के कारण न केवल भारत में, बल्कि विश्व में भारत की नाम अलौकित किया। आओ जानते हैं उनके संबंध में 10 खास बातें।
 
1. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर (डॉ॰ भीमराव रामजी अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) एक समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, सांसद, मंत्री व संविधान निर्माता थे। वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई मुरबादकर की 14वीं व अंतिम संतान थे। उनका परिवार मराठी था और वो अंबावडे नगर जो आधुनिक महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में है, से संबंधित था। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू (इंदौर के पास, मध्यप्रदेश) में हुआ था। कहते हैं कि वे हिंदू महार जाति से संबंध रखते थे
 
2. आंबेडकर ने सातारा शहर में राजवाड़ा चौक पर स्थित गवर्न्मेण्ट हाईस्कूल में पढ़ाई की। स्कूल में उस समय 'भिवा रामजी आंबेडकर' यह उनका नाम उपस्थिति पंजिका में क्रमांक- 1914 पर अंकित था। 1897 में, अंबेडकर का परिवार मुंबई चला गया जहां उन्होंने एल्फिंस्टोन रोड पर स्थित गवर्न्मेंट हाईस्कूल में आगे कि शिक्षा प्राप्त की।
 
3.बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने भीमराव अंबेडकर को मेधावी छात्र के नाते छात्रवृत्ति देकर 1913 में विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेज दिया। अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, दर्शन और अर्थ नीति का गहन अध्ययन बाबा साहेब ने किया।
 
4. मुंबई विश्वविद्यालय (बी॰ए॰), कोलंबिया विश्वविद्यालय (एम.ए., पीएच.डी., एलएल.डी.), लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स (एमएस.सी., डीएस.सी.), ग्रेज इन (बैरिस्टर-एट-लॉ) डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर कुल 64 विषयों में मास्टर थे। वे हिन्दी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पर्शियन और गुजराती जैसे 9 भाषाओँ के जानकार थे। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 साल तक विश्व के सभी धर्मों की तुलनात्मक रूप से पढ़ाई की थी।
 
5. पढ़-लिखकर उन्होंने सामाजिक भेदभाव मिटाने का कार्य किया और अंत में 1956 में उन्होंने 8,50,000 समर्थकों के साथ बौद्धपंथ को अपना लिया था। बाबासाहेब को बौद्ध धर्म की दीक्षा देनेवाले महान बौद्ध भिक्षु 'महंत वीर चंद्रमणी' ने उन्हें 'इस युग का आधुनिक बुद्ध' कहा था।
 
6. सन 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। इसके अलावा बोधिसत्व सम्मान (1956), पहले कोलंबियन अहेड ऑफ देअर टाईम (2004), द ग्रेटेस्ट इंडियन (2012) डॉ. अंबेडकर। 26 नवंबर 1949 को डॉ. अंबेडकर और उनकी टीम द्वारा रचित (315 अनुच्छेद का) संविधान पारित किया गया।  
 
7. भारतीय तिरंगे में 'अशोक चक्र' को जगह देने का श्रेय भी डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को जाता है।
 
8. उन्होंने शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन, स्वतंत्र लेबर पार्टी, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया था।
 
9. रमाबाई अंबेडकर उनकी पत्नी का नाम था। पुत्र यशवंत भीमराव आंबेडकर और पोते का नाम प्रकाश अंबेडकर है। 
 
10. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर 1948 से मधुमेह से पीड़ित थे। इस दौरान वो कमजोर होती दृष्टि से ग्रस्त थे। अपनी अंतिम पांडुलिपि 'बुद्ध और उनके धम्म' को पूरा करने के तीन दिन पश्चात 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनके आवास पर नींद में उनकी मृत्यु हो गई।

Ambedkar Jayanti 2022
Ambedkar Jayanti 2022
ये भी पढ़ें
अंबेडकर जयंती पर विशेष : सामाजिक क्रांति के महानायक डॉ. भीमराव अंबेडकर