सोमवार, 28 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. आरती/चालीसा
  4. Shree Vishwakarma Aarti
Written By

श्री विश्वकर्मा आरती

श्री विश्वकर्मा आरती
FILE

 

ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।

सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ॥1॥

 

आदि सृष्टि में विधि को, श्रुति उपदेश दिया।

शिल्प शस्त्र का जग में, ज्ञान विकास किया ॥2॥

 

ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नही पाई।

ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥3॥

 

रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।

संकट मोचन बनकर, दूर दुख कीना॥4॥

 

जब रथकार दम्पती, तुमरी टेर करी।

सुनकर दीन प्रार्थना, विपत्ति हरी सगरी॥5॥

 

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।

द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे॥6॥

 

ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।

मन दुविधा मिट जावे, अटल शांति पावे॥7॥

 

श्री विश्वकर्मा जी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत गजानन स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे॥8॥