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Written By WD

आरती श्री परशुराम जी की

।।परशुराम आरती।।

भगवान परशुराम

शौर्य तेज बल-बुद्घि धाम की॥

रेणुकासुत जमदग्नि के नंदन।

कौशलेश पूजित भृगु चंदन॥

अज अनंत प्रभु पूर्णकाम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥1॥

नारायण अवतार सुहावन।

प्रगट भए महि भार उतारन॥

क्रोध कुंज भव भय विराम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥2॥

परशु चाप शर कर में राजे।

ब्रम्हसूत्र गल माल विराजे॥

मंगलमय शुभ छबि ललाम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥3॥

जननी प्रिय पितु आज्ञाकारी।

दुष्ट दलन संतन हितकारी॥

ज्ञान पुंज जग कृत प्रणाम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥4॥

परशुराम वल्लभ यश गावे।

श्रद्घायुत प्रभु पद शिर नावे॥

छहहिं चरण रति अष्ट याम की।

आरती कीजे श्री परशुराम की॥5॥