14 दिसंबर 1503 को फ्रांस में जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणियां 100 छंदों के अनेक शतकों में की हैं। ऐसे शतकों की संख्या 12 है जिनमें से अंतिम 2 शतकों के अनेक छंद उपलब्ध नहीं हैं। इन शतकों को 'सेंचुरी' कहा गया है। नास्त्रेदमस ने जो भविष्यवाणी की किताब लिखी है उसे सेंचुरी कहते हैं। उनकी इस सेंचुरी के कुछ पदों को हिंदू धर्म से भी जोड़कर देखा जाता है।
1.नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की किताब सेंचुरी में लिखा है कि 'सागरों के नाम वाला धर्म, चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)।
व्याख्या : चांद पर आधारित धर्म एक ही है इस्लाम और दुनिया में जितने भी सागर हैं उनमें से सिर्फ हिन्द महासागर के नाम पर ही एक धर्म है जिसे हिन्दू धर्म कहते हैं। आगे के वाक्य की व्याख्या करना कठिन हैं, लेकिन नास्त्रेदमस ने अपनी और भी भविष्यवाणियों में हिन्दू धर्म के उत्थान की बात कही है।
व्याख्या : दुनिया में पिछले सैकड़ों वर्षों से धर्मयुद्ध चल रहा है। धर्म के नाम पर लोग एक-दूसरे को खत्म करने में लगे हैं। दरअसल, धर्म अब धर्म नहीं बल्कि अब सांप्रदायिक, आपराधिक और आतंकवादी संगठन बन गए हैं। ऐसे में सवाल कई उठते हैं और जवाब कहीं से भी नहीं मिलते हैं। लेकिन हम यदि संगठित धर्मों की ही बात करें तो किस धर्म के संबंध में क्या भविष्यवाणी कही गई है, यह जानना भी जरूरी है। लाल और पीले कौन है?
3. 'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रसंशा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।'- (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)
व्याख्या : तीन ओर समुद्र से तो भारत ही घिरा हुआ है। भारत में गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से मानते हैं। भारत में पहले भी राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, चाणक्य आदि महापुरुषों का जन्म हो चुका तात्कालीन समाज को काफी प्रभावित किया था। हालांकि अभी इस भविष्यवाणी के पूर्ण होने का इंतजार है। कौन करेगा गुरुवार को अपना अवकाश दिवस घोषित।
4. 'सांप्रदायिकता और शत्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)। nostradamus and hindu
व्याख्या : अब जहां तक एक ही विचारधारा को मानने की बात है तो ओशो रजनीश जैसे कई संतों को भारत, अरब, चीन सहित समूचे पश्चिम में ध्यान से पढ़ा जाता है और उनके विचारों से विश्व में नए तरह की धार्मिक क्रांति होने लगी है। दुनिया धीरे धीरे दुनिया हिन्दू धर्म के सत्य से प्रभावित होकर एक नए तरह के समूह में बदल रही है। सत्य सनातन धर्म की ओर सभी मुड़ने लगे हैं।
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5. 'पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)
व्याख्या: भारत में वैसे तो कई प्रसिद्ध नदियां हैं- गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा आदि। लेकिन पंजाब ऐसा क्षेत्र है जिसे पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। ये पांच नदियां हैं- सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम। पंजाब अर्थात जहां पांच नदियां बहती हों। पूर्व में इसे पंचनद प्रदेश भी कहा जाता था। हालांकि दक्षिण भारत में भी छोटी बड़ी मिलाकर पांच नदियां बहती है।
6. 'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)
व्याख्या: यहां नास्त्रेदमस नाम को स्पष्ट करते हैं। वरण या शरण नाम को भारत में होते हैं लेकिन शायरन सुनने में कभी नहीं आया। नास्त्रेदमस ने अंग्रेजी में इसे cheyren लिखा है। अब यह विरोधाभास पैदा करना वाला भी है। हालांकि उक्त भविष्यवाणी से लगता है कि उस 'महापुरुष' का नाम 'श' जैसे उच्चारण से शुरू होगा।
7. 'एशिया का महान व्यक्ति समुद्र और जमीन पर विशाल सेना लेकर नीले, हरे और सलीबों को वह मौत के घाट उतार देगा।' (सैंचुरी-6-80)। इसी सेंचुरी का 24 और 25वां छंद भी भयानक युद्ध का वर्णन करता है।
8. ...'एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।' (x-75)
9. 'पैगंबर के कुल नाम के अंतिम अक्षर से पहले के नाम वाले सोमवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। अपनी सनक में वह अनुचित कार्य भी करेगा। जनता को करों से आजाद कराएगा।' (1-28)
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के ज्ञाता महाराष्ट्र के ज्योतिषाचार्य डॉ. रामचन्द्र जोशी ने इस पर मराठी में एक पुस्तक लिखी है जिसमें वे नास्त्रेदमस की सेंचुरी का हवाला देते हुए लिखते हैं कि 'ठहरो स्वर्णयुग (रामराज्य) आ रहा है। एक अधेड़ उम्र का औदार्य (उदार) अजोड़ अधाप महासत्ता अधिकारी भारत ही नहीं, सारी पृथ्वी पर स्वर्ण युग लाएगा और अपने सनातन धर्म का पुनरुत्थान करके यथार्थ भक्ति मार्ग बताकर सर्वश्रेष्ठ हिन्दू राष्ट्र बनाएगा। तत्पश्चात ब्रह्मदेश, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, तिब्बत, अफगानिस्तान, मलाया आदि देशों में वही सार्वभौम धार्मिक नेता होगा। सत्ताधारी चांडाल-चौकड़ियों पर उसकी सत्ता होगी। वह नेता 'शायरन' दुनिया की आशा मालूम होता है, बस देखते रहो।'
साभार : अशोक कुमार शर्मा की पुस्तक नास्त्रेदमस की संपूर्ण भविष्यवाणियां (डायमंड पाकेट बुक्स)