अल्पसंख्यकों के लिए कल्याण उपाय
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास (भाग 12)
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत पाँच धार्मिक समुदायों-मुसलमान, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी को अल्पसंख्यक अधिसूचित किया गया है। संवैधानिक उपाय राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग : गृह मंत्रालय द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर जनवरी 1978 में स्थापित अल्पसंख्यक आयोग गैर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 लागू होने के बाद संवैधानिक निकाय बन गया और इसका नाम राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कर दिया गया। पहला संवैधानिक राष्ट्रीय आयोग 17 मई 1993 को गठित किया गया।राष्ट्रीय धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक आयोग सरकार ने धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों के सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान का आधार तय करने के लिए विस्तृत जाँच और उनके कल्याण के उपाय सुझाने हेतु राष्ट्रीय धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया। यह आयोग धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों के बारे में सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान के आधार के बारे में सलाह देता है। साथ ही धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों के सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़ों के कल्याण के उपाय सुझाना। ये उपाय शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के संदर्भ में भी होते हैं। इतना ही नहीं, सिफारिशों को लागू करने के लिए आवश्यक संवैधानिक, कानूनी और प्रशासनिक तौर-तरीके सुझाना और उनकी राय और सिफारिशों के बारे में रिपोर्ट पेश करना। आयोग ने 21 मार्च 2005 से कार्य करना शुरू किया।केंद्रीय वक्फ परिषद वक्फ ऐसे कार्यों के लिए स्थायी रूप से दान की गई ऐसी चल या अचल संपत्तियाँ हैं, जो मुस्लिम कानून के अनुसार धर्म सम्मत और पवित्र माने जाते हैं। धार्मिक पहलू के अतिरिक्त वक्फ सामाजिक और आर्थिक उत्थान में मदद करती है। वक्फ संस्थाओं के बारे में केंद्रीय कानूनों पर अमल की जिम्मेदारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की है। वक्फ बोर्ड के कामकाज से संबंधित मुद्दों और देश में वक्फ के समुचित प्रशासन से संबंधित मुद्दों के बारे में परामर्श देने के लिए केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना एक स्थायी इकाई के रूप में की गई। केंद्रीय वक्फ परिषद द्वारा शहरी वक्फ संपत्तियों के विकास और शैक्षिक विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।भाषायी अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारी का कार्यालय 1957 में स्थापित किया गया। इसकी स्थापना संविधान की धारा 35 (ब) के प्रावधानों के तहत की गई। भारतीय भाषायी अल्पसंख्यक आयुक्त का मुख्यालय इलाहाबाद में और क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, बेलगाम और चेन्नई में है। भाषायी अल्पसंख्यकों का आयुक्त भाषायी अल्पसंख्यकों को प्रदत्त संरक्षण संबंधी राष्ट्रीय और संवैधानिक योजनाओं के लागू नहीं किए जाने से जुड़ी शिकायतों का निपटारा करता है। ये मुद्दे भाषायी अल्पसंख्यकों/समूहों या संगठनों द्वारा राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक और राजनीति के उच्चतम स्तर से ध्यान में लाए जाते हैं और यह इन शिकायतों को दूर करने के लिए उपाय सुझाता है।आर्थिक विकास राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम अल्पसंख्यक समुदाय के उन लोगों, जिनकी पारिवारिक आय गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की आय की दुगुनी से कम हो, स्व-रोजगार गतिविधियों के लिए रियायती वित्त प्रदान करता है।शैक्षिक विकास मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन एक पंजीकृत सोेसाइटी है, जिसका उद्देश्य समाज के शैक्षिक रूप से पिछड़े लोगों, विशेषकर अल्पसंख्यकों में शिक्षा का प्रसार करना है। भारत सरकार फाउंडेशन को संचित निधि उपलब्ध कराती है। फाउंडेशन द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जाती हैं।