रविवार, 21 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. योग
  3. योगासन
  4. 3 Yogasanas for women
Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : शनिवार, 11 जून 2022 (16:47 IST)

हर उम्र की महिलाओं के लिए बेस्‍ट हैं ये 3 योग, रोजाना सिर्फ 10 मिनट करें

trikonasana
Yoga Asanas for women : जिम या अखाड़े की कसरत से कहीं ज्यादा उत्तम है योग करना। योग हमारे शरीर को लचकदार बनाए रखने के साथ ही यौवन को भी बनाए रखता है। यदि आप महिला हैं तो आपके लिए बेस्ट हैं मात्र 3 योगासन। इन्हें मात्र 10 मिनट करेंगे तो हमेशा जवान बनी रहेंगी और चेहरे पर भी आपके ग्लो बरकरार रहेगा।
 
 
1.त्रिकोणासन : त्रिकोण या त्रिभुज की तरह। यह आसन खड़े होकर किया जाता है। सबसे पले सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं। अब एक पैर उठाकर दूसरे से डेढ़ फुट के फासले पर समानांतर ही रखें। मतलब आगे या पीछे नहीं रखना है। अब श्‍वास भरें। फिर दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में लाएं। अब धीरे-धीरे कमर से आगे झुके। फिर श्वास बाहर निकालें। अब दाएं हाथ से बाएं पैर को स्पर्श करें। बाईं हथेली को आकाश की ओर रखें और बाजू सीधी रखें।
 
 
इस दौरान बाईं हथेली की ओर देखें। इस अवस्था में दो या तीन सेकंड रुकने के दौरान श्वास को भी रोककर रखें। अब श्‍वास छोड़ते हुए धीरे धीरे शरीर को सीधा करें। फिर श्‍वास भरते हुए पहले वाली स्थिति में खड़े हो जाएं। इसी तरह श्‍वास निकालते हुए कमर से आगे झुके। अब बाएं हाथ से दाएं पैर को स्पर्श करें और दाईं हथेली आकाश की ओर कर दें। आकाश की ओर की गई हथेली को देखें। दो या तीन सेकंड रुकने के दौरान श्वास को भी रोककर रखें। अब श्‍वास छोड़ते हुए धीरे धीरे शरीर को सीधा करें। फिर श्‍वास भरते हुए पहले वाली स्थिति में खड़े हो जाएं। यह पूरा एक चरण होगा। इसी तरह कम से कम पांच बार इस आसन का अभ्यास करें।
yoga
2. आंजनेयासन : हनुमान जी का एक नाम आंजनेय भी है। यह आसन उसी तरह किया जाता है जिस तरह हनुमानजी अपने एक पैर का घुटना नीचे टिकाकर दूसरा पैर आगे रखकर कमर पर हाथ रखते हैं। अंजनेय आसन में और भी दूसरे आसन और मुद्राओं का समावेश है।
 
 
सर्वप्रथम वज्रासन में आराम से बैठ जाएँ। धीरे से घुटनों के बल खड़े होकर पीठ, गर्दन, सिर, कूल्हों और जांघों को सीधा रखें। हाथों को कमर से सटाकर रखें सामने देंखे। अब बाएं पैर को आगे बढ़ाते हुए 90 डिग्री के कोण के समान भूमि कर रख दें। इस दौरान बायां हाथ बाएं पैर की जंघा पर रहेगा। फिर अपने हाथों की हथेलियों को मिलाते हुए हृदय के पास रखें अर्थात नमस्कार मुद्रा में रखें। श्वास को अंदर खींचते हुए जुड़ी हुई हथेलियों को सिर के ऊपर उठाकर हाथों को सीधा करते हुए सिर को पीछे झुका दें। इसी स्थिति में धीरे-धीरे दाहिना पैर पीछे की ओर सीधा करते हुए कमर से पीछे की ओर झुके। इस अंतिम स्थिति में कुछ देर तक रहे। फिर सांस छोड़ते हुए पुन: वज्रासन की मुद्रा में लौट आए। इसी तरह अब यही प्रक्रिया दाएं पैर को 90 डिग्री के कोण में सामने रखते हुए करें।
 
3. हलासन : इस आसन में शरीर का आकार खेत में चलाए जाने वाले हल के समान हो जाता है। इसीलिए इस आसन को हलासन कहा जाता हैं। रीढ़ संबंधी गंभीर रोग अथवा गले में कोई गंभीर रोग होने की स्थिति में यह आसन न करें। आसन करते वक्त ध्यान रहे कि पैर तने हुए तथा घुटने सीधे रहें। स्त्रियों को यह आसन योग शिक्षक की सलाह पर ही करना चाहिए।
 
 
शवासन की अवस्था में भूमि पर लेट जाएं। एड़ी-पंजे मिला लें। हाथों की हथेलियों को भूमि पर रखकर कोहनियों को कमर से सटाए रखें। श्वास को सुविधानुसार बाहर निकाल दें। फिर दोनों पैरों को एक-दूसरे से सटाते हुए पहले 60 फिर 90 डिग्री के कोण तक एक साथ धीरे-धीरे भूमि से ऊपर उठाते जाएं। घुटना सीधा रखते हुए पैर पूरे ऊपर 90 डिग्री के कोण में आकाश की ओर उठाएं।
 
 
हथेलियों को भूमि पर दबाते हुए हथेलियों के सहारे नितंबों को उठाते हुए, पैरों को पीछे सिर की ओर झुकाते हुए पंजों को भूमि पर रख दें। अब दोनों हाथों के पंजों की संधि कर सिर से लगाएं। फिर सिर को हथेलियों से थोड़-सा दबाएं, जिससे आपके पैर और पीछे की ओर खसक जाएंगे। पुन: क्रमश: शवासन में लौट आएं अर्थात पहले हाथों की संधि खोलकर पुन: हथेलियों के बल पर 90 और फिर 60 डिग्री में पैरों को लाते हुए भूमि कर टिका दें।
ये भी पढ़ें
योगा दिवस से पहले सीख लें 5 सरल योग, टिप्स और सावधानियां