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Last Updated : गुरुवार, 18 मार्च 2021 (12:02 IST)

Bengal Assembly Elections: ममता ने जारी किया घोषणापत्र, छात्रों को क्रेडिट कार्ड का वादा

Bengal Assembly Elections: ममता ने जारी किया घोषणापत्र, छात्रों को क्रेडिट कार्ड का वादा - Mamta Banerjee made many announcements
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को 'विकासोन्मुखी' घोषणापत्र जारी किया। मुख्यमंत्री ने इसमें सभी परिवारों के लिए आय योजना, छात्रों को क्रेडिट कार्ड और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में कई समुदायों को शामिल करने के लिए एक कार्यबल का गठन करने का वादा किया।
 
राज्य में तृणमूल कांग्रेस शासन के दौरान गरीबी 40 प्रतिशत तक घट जाने का दावा करते हुए घोषणापत्र में किसानों की वार्षिक वित्तीय सहायता 6,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए करने का भी वादा किया गया है।

'दीदी 10 अंगीकार' (दीदी के 10 संकल्प) के तहत घोषणापत्र में अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य क्षेत्र को सुधारने, रोजगार सृजन, खाद्य सुरक्षा, वहनीय घर, बिजली और लोगों को पाइप से पेयजल की आपूर्ति जैसी योजनओं की सूची दी गई है। हालांकि भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के घोषणापत्र को चुनाव से पहले लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए 'जुमला' करार दिया है।

 
ममता ने कहा कि पहली बार बंगाल में हर परिवार को न्यूनतम आय प्राप्त होगी। इसके तहत 1.6 करोड़ सामान्य श्रेणी के परिवारों को 500 रुपए प्रति महीना जबकि एससी/एसटी श्रेणी में आने वाले परिवारों को 1,000 रुपए प्रति महीना मिलेगा। यह रकम सीधे परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री ने 18 साल से अधिक उम्र की विधवाओं को 1,000 रुपए पेंशन देने की भी घोषणा की है।
 
मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि सरकार बनाने के बाद हम लाखों विधवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को आर्थिक सहायता देंगे। पहली बार बंगाल के हर परिवार को न्यूनतम आय की व्यवस्था की जाएगी। सार्वभौमिक न्यूनतम आय योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया के खाते में सीधे पैसे हस्तांतरित की जाएगी। 10 लाख की क्रेडिट सीमा के साथ छात्रों के लिए नई कार्ड योजना लाई जाएगी और इस पर सिर्फ 4 प्रतिशत ब्याज देना होगा। अगले 5 वर्षों में हम 10 लाख एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) इकाइयां तथा 2,000 नई बड़ी औद्योगिक इकाइयां लगाएंगे।

 
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि महिष्या, तेली, तामुल और साहा जैसी उन सभी जातियों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा दिलाने के लिए एक विशेष कार्यबल गठित करेंगे जिन्हें ओबीसी के रूप में मान्यता नहीं है। हम भारत सरकार से महतो (जाति) को (एसटी) अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की सिफारिश करेंगे। उत्तर बंगाल में तराई और दुआर क्षेत्र के विकास के लिए एक विशेष विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा।
ममता का बयान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान के 1 दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने वादा किया था कि अगर भाजपा की सरकार बनी तो हिन्दू जातियों के छूट गए लोगों जैसे तेली, महतो, महिष्या को ओबीसी की सूची में शामिल किया जाएगा। ये जातियां बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में निवास करती हैं।

भाजपा की हिन्दू पिछड़ा वर्ग की रणनीति के जवाब में घोषणा करने के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि हमारा घोषणापत्र 9 मार्च को ही तैयार हो गया था लेकिन इसे जारी करने में देरी हुई। तृणमूल प्रमुख ने कहा कि हो सकता है कि भाजपा ने निर्वाचन आयोग से मेरे घोषणापत्र की नकल की हो। हम सभी जानते हैं कि निर्वाचन आयोग को भाजपा निर्देशित कर रही है।
 
तृणमूल के घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राज्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि वादों से लग रहा है कि उन्होंने पिछले 10 सालों में कुछ नहीं किया है। अब विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन चुनाव में जनता तृणमूल कांग्रेस को माकूल जवाब देगी। (भाषा)