क्या BJP ने कश्मीर चुनाव में एक आतंकवादी को उम्मीदवार बनाया है.. जानिए सच..
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वायरल इन इंडिया ने 3 अक्तूबर को एक पोस्ट किया, जिसमें उसने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी ने कश्मीर चुनावों में एक आतंकवादी को टिकट दिया है। यह पोस्ट जिसमें कथित आतंकवादी की तस्वीर भी है, एक हजार से अधिक बार शेयर किया जा चुका है।
वायरल पोस्ट में जिस व्यक्ति की तस्वीर है, वह मोहम्मद फारूक खान उर्फ सैफुल्ला हैं, जिन्हें बीजेपी ने श्रीनगर के वार्ड-33 से उम्मीदवार बनाया है। वायरल पोस्ट में इन्हें आतंकवादी बताया जा रहा है, बल्कि सच यह है कि सैफुल्ला एक रिफॉर्म्ड-मिलिटेंट हैं। यह पोस्ट अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस पोस्ट में कहीं भी सैफुल्ला को पूर्व-आतंकवादी कहकर सम्बोद्धित नहीं किया गया है और यही इस पोस्ट को भ्रामक बनता है।
आइए अब जानते हैं.. क्या है सैफुल्ला की कहानी..80 के दशक में जब घाटी में उग्रवाद चरम पर पहुंच चुका था, सैफुल्ला ने कई अन्य युवाओं के साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जाकर तथाकथित कश्मीर की आजादी के लिए भारत के खिलाफ आतंक की ट्रेनिंग ली। वहां से 1990 में कश्मीर लौटकर सैफुल्ला जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट में शामिल हो गए। 1991 में सैफुल्ला मुनवराबाद इलाके में एक आतंकवाद विरोधी अभियान में गिरफ्तार कर लिए गए थे। उन्होंने करीब साढ़े दस साल तक जेल में सजा काटी।
तिहाड़ में ही सैफुल्ला की मुलाकात जैश-ए-मुहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अज़हर तथा अन्य प्रमुख आतंकवादियों से हुई। एक इंटरव्यू में सैफुल्ला ने कहा था- ‘जेल में मैंने तकरीबन 200 किताबें पढ़ीं। इनमें से ज्यादातर इस्लाम से ताल्लुक रखती थी। इस अनुभूति ने मुझे बदलकर रख दिया और वैश्विक राजनीति की ओर मेरा रुझान काफी बढ़ गया।’
सजा पूरी करने के बाद मुख्यधारा से जुड़ने में सैफुल्ला को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सैफुल्ला का कहना है कि जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने पूर्व आतंकवादियों के पुनर्वास के लिए जम्मू-कश्मीर मानव कल्याण संगठन का गठन किया। लेकिन किसी ने उन्हें समर्थन नहीं दिया, यहां तक कि उन्होंने भी नहीं, जिनके लिए उन्होंने बंदूक उठाई थी।
सैफुल्ला ने बताया, ‘कुरान में लिखा है कि अगर इस दुनिया में तुम मेरा काम नहीं करते हो, तो मैं तुम्हारी जगह उन लोगों से बदल दूंगा जो मेरा काम करेंगे। मुझे लगता है कि अल्लाह ने मुझे कश्मीर के लोगों की सेवा करने का मौका दिया है’।
सैफुल्ला का कहना है, ‘लोग पहले भी मेरे साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं, लेकिन मैं शांति के लिए काम कर रहा हूं। मैं जीतकर पूर्व-आतंकवादियों के पुनर्वास और उनके बच्चों की शिक्षा पर अपनी कमाई पर खर्च करूंगा।’