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Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : मंगलवार, 9 मई 2023 (16:37 IST)

घर की दहलीज पर हैं ये 10 शुभ चीजें तो सफलता और खुशियां आएंगी दौड़कर

Vestibule Threshold vastu
घर की देहलीज सुख, शांति और समृद्धि देने वाली होती है। इसे द्वार की द्वारपिंडी, ड्योढ़ी, बरोठा, चौखट, देहरी, देहली और डेली भी कहते हैं। दहलीज पर 10 शुभ चीजें होने से सफलता और खुशी घर में आती हैं। आओ जानते हैं कि वे कौनसी 10 वस्तुएं हैं।
 
 
1. पानी से भरे बर्तन में फूल : देहली के पास पानी से भरे बर्तन में सुंदर फूल रखना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता और खुशियां आती है।
 
2. पद चिन्ह : देहलीज पर दाएं और बाएं माता लक्ष्मी पदचिन्ह अंकित करें। इससे घर में समृद्धि आती है।
 
3. स्वास्तिक : प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक चिन्न बनाना भी शुभ होता है। इससे सौभाग्य की वृद्धि होती है। साथ ही सुख समृद्धि में इजाफा होता है। देहली पर कुमकुम और हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह भी बना सकते हैं। विशेष मौके पर घर के बाहर देली (देहली या डेल) के आसपास स्वस्तिक बनाएं और कुमकुम-हल्दी डालकर उसकी दीपक से आरती उतारें।
 
4. रंगोली : देहरी के दोनों ओर सुंदर रंगोली बनाकर रखें। इससे घर में सुख और समृद्धि के साथ ही खुशियां घर में आती है।
 
5. वंदनवार : देहलीज की चौखट पर पर द्वारा को वंदनवार से अच्छे से सजाएं।
 
6. चावल और सुपारी : विशेष अवसरों पर भगवान का पूजन करने के बाद अंत में देहली की पूजा करें। देहली (डेली) के दोनों ओर सातिया बनाकर उसकी पूजा करें। सातिये के ऊपर चावल की एक ढेरी बनाएं और एक-एक सुपारी पर कलवा बांधकर उसको ढेरी के ऊपर रख दें। इस उपाय से धनलाभ होगा। 
 
7. चित्रकारी : देहली पर आप सुंदर चित्रकारी भी कर सकते हैं। चित्रकारी में फूल, पत्ते और रंगोली के चित्र बना सकते हैं।
 
8. शुभ और लाभ : देहलीज पर दाएं बाएं शुभ और लाभ भी बना सकते हैं या द्वारा के आसपास भी शुभ-लाभ बना सकते हैं।
 
9. निषेध कार्य: 
1. दहलीज पर पैर रखकर कभी खड़े नहीं होते हैं।
2. दहलीज पर कभी पैर नहीं पटकते हैं।
3. अपने गंदे पैर या चप्पल को रगड़कर साफ नहीं करते हैं।
4. दहलीज पर खड़े रहकर कभी किसी के चरण नहीं छूते हैं।
5. मेहमान का स्वागत या विदाई दहलीज पर खड़े रहकर नहीं करते हैं। स्वागत दहजलीज के अंदर से और विदाई दहलीज के बाहर खड़े रहकर करते हैं।
 
 
10. वास्तु उपाय:-
1. वास्तु के अनुसार दहलीज़ टूटी-फूटी या खंडित नहीं होना चाहिए।
 
2. बेतरतीब तरह से बनी दहलीज नहीं होना चाहिए यह भी वास्तुदोष निर्मित करती है।
 
3. द्वार की देहली (डेली) बहुत ही मजबूत और सुंदर होना चाहिए।
 
4. कई जगह दहलीज होती ही नहीं जो कि वास्तुदोष माना जाता है। कोई भी व्यक्ति हमारे घर में प्रवेश करे तो दहलीज लांघकर ही आ पाए। सीधे घर में प्रवेश न करें।