घर बनवा रहे हैं और चाहते हैं कि घर में सुख, शांति व समृद्धि बनी रहे तो वास्तु के इन नियमों का पालन जरूर करें...
1. घर की उत्तर-पूर्व दिशा में खिड़की, दरवाजों की संख्या अधिक होना चाहिए।
2. दरवाजों की संख्या विषम होना चाहिए।
3. खड़की-दरवाजों की संख्या 10, 20, 30 नहीं होना चाहिए अर्थात शून्य इकाई नहीं आना चाहिए।
4. घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा की अपेक्षा उत्तर-पूर्व दिशा में अधिक खुला स्थान होना चाहिए।
5. भोजन कक्ष अग्निकोण में शुभ फलदायक होता है। यह ईशान एवं नैऋत्य कोण में अशुभ फलदायी होता है।
6. पूजा स्थान, अध्ययनशाला, पुस्तकालय, बैठक कक्ष का निर्माण सदा ईशान कोण में ही करें।
7. घर का आंगन मध्य में गहराई लिए हुए नहीं होना चाहिए अर्थात चारों ओर ऊंचा और बीच में नीचा नहीं होना चाहिए।
8. घर के भारी सामान के लिए स्टोर रूम गोदाम आदि बनाना हो तो नैऋत्य कोण में ही बनाएं।
9. पानी की टंकी या अन्य जलाशय नैऋत्य कोण में ही शुभ होते हैं।
10. एग्जॉस्ट फैन, रोशनदान, धुएं की चिमनी ईशान कोण में हों, इसका ध्यान रखें।
11. शयन कक्ष दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में बनाए जा सकते हैं।
12. जल निकासी उत्तर-पूर्व या वायव्य में करना चाहिए।