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Last Modified: गुरुवार, 14 मार्च 2024 (19:10 IST)

Vastu tips : यदि आपका मकान है नैऋत्य कोण में तो होंगे 5 बड़े नुकसान

south west corner vastu
south west corner vastu
South west corner vastu: दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य के स्थान को नैऋत्य कहा गया है। इस दिशा में दोनों ही दिशाओं का प्रभाव रहता है। इस दिशा के स्वामी राहु और केतु हैं। अत: इस दिशा का विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दिशा में यदि मकान है तो बड़ा नुकसान हो सकता है।
1. राहू का प्रभाव : ज्योतिष में नैऋत्य कोण का अधिष्ठाता ग्रह राहु है और यह कृष्ण वर्ण का एक क्रूर ग्रह है। राहु संकटों को जन्म देता है। यदि नैऋत्य का कार्नर है तो यह दिशा और भी नकारात्मक प्रभाव वाली बन जाती है।
 
2. शारीरिक कष्ट : इस दिशा के खराब होने पर त्वचा रोग, कुष्ठ रोग, मस्तिष्क रोग आदि की सम्भावनाएं प्रबल रहती हैं। केतु और राहु की स्थिति के अनुसार छूत की बीमारी, रक्त विकार, दर्द, चेचक, हैजे, चर्म रोग का विचार किया जाता है।
3. अकाल मौत : नैऋत्य कोण में दोष या जन्मपत्री में राहु के पीड़ित होने पर परिवार में असमय मौत की आशंका, दादा से परेशानी, केतु भी राहु की तरह कृष्ण वर्ण का एक क्रूर ग्रह है, इसकी स्थिति के आधार पर नाना से परेशानी खड़ी होती है।
 
4. मानसिक बेचैनी : इस दिशा के घर में रहने वाले हमेशा चिंता में रहते हैं और मानसिक बेचैनी के साथ ही मन में भय और आशंका बनी रहती है। मन में अहंकार की भावना की उत्पत्ति के चलते जीवन में परेशानी खड़ी होती है।
5. कब होता है प्रभाव : यदि मकान नया बना है तो 9 साल के बाद बुरे प्रभाव स्पष्ट नजर आएंगे, लेकिन उससे पहले ही होने वाली छोटी घटना दुर्घटना से सतर्क होकर उपाय कर लेना चाहिए। नैऋत्य दिशा के घर में कई बार जीवन में अचानक से घटना-दुर्घटना के योग बनने हैं। माकान मालिक या घर के मुखिया पर संकट बना रहता है। यह दिशा जातक को कर्जदार भी बना देती है। कुण्डली में इसकी स्थिति के आधार पर गुप्त युक्ति बल, कष्ट और त्रुटियों का विचार किया जाता है।