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केतकी गुलाब जूही चंपक वन फूले -2
रितु बसन्त अपनो कन्त, गोदी गरवा लगाय
झुलना में बैठ आज पी के संग झूले
केतकी गुलाब जूही चंपक वन फूले
गल-गल कूंज-कूंज, गुन-गुन भंवरों की गूंज
राग-रंग अंग-अंग छेड़त रसिया अनंग
कूयल की पंचम सुन दुनिया दुख भूले, भूले, भूले
केतकी गुलाब जूही चंपक वन फूले - 2
केतकी गुलाब जूही चंपक वन फूले --
रितु बसन्त अपनो कन्त, गोदी गरवा लगाय
झुलना में बैठ आज पी के संग झूले
पी के संग झूले
केतकी गुलाब जूही चंपक वन फूले
मधुर-मधुर थोरी-थोरी, मीठी बतियों से गोरी
मधुर-मधुर थोरी-थोरी
मधुर-मधुर थोरी-थोरी, मीठी बतियों से गोरी
चित चुराए हंसत जाय -2
चोरी कर सिर झुकाए
शिश झुकाये चंचल लट
गालन को छू ले - 2
केतकी गुलाब जूही चंपक वन फूले - 2
केतकी गुलाब जूही
केतकी गुलाब जूही
केतकी गुलाब जूही
केतकी
केतकी
आगे पढ़े.... ओ बसंती पवन पागल (गीत)
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ओ बसंती पवन पागल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती...
बन के पत्थर हम पड़े थे, सूनी सूनी राह में
जी उठे हम जब से तेरी, बांह आई बांह में
बह उठे नैनों के काजल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती...
याद कर तूने कहा था, प्यार से संसार है
हम जो हारे दिल की बाजी, ये तेरी ही हार है
सुन ये क्या कहती है पायल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती...
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झूम रहा है रोम रोम क्यों
तनु मन लेहराया
थिरक रहा है अंग अंग क्यों
कौन आज आया, राजन, कौन आज आया
राजन कौन, कौन महाराजन
कौन आज दुष्यंत
स्वागत करो आज आए हैं श्री
ऋतु राज बसंत
आ~~ बसंत है आया~~
बसंत है आया रंगीला
बसंत है आया~~
बसंत है आया रंगीला~~
बसंत है आया रंगीला
बसंत है आया
मन की कोकिला लगी चहकने
आज सांस भी लगी महकने
मन की कोकीला लगी चहकने
आ~~
मन की कोकिला लगी चहकने
आज सांस भी लगी महकने
मधु मदमाती अंग अंग में नया रंग छाया~~
नया रंग छाया~~
आ बसंत का मास खुला आकाश, बढ़ रही प्यास
नैन तन मन सब डोले रे
डोले रे
चले मदन के बाण सजन हे प्रण कोई
अंजान नाच के बंधन खोले रे
खोले रे
थर थर थर प्रीत करे बेल सी
बलखाती काया आ~~
बलखाती काया आ~~
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संग बसंती अंग बसंती रंग बसंती छा गया
मस्ताना मौसम आ गया
संग बसंती अंग ...
धरती का है आंचल पीला झूमे अम्बर नीला-नीला
सब रंगों में है रंगीला रंग बसंती
संग बसंती अंग ...
लहराए ये तेरा आंचल सावन के झूलों जैसा
दिल मेरा ले गया है ये तेरा रूप गोरी सरसों के फूलों जैसा
ओ लहराए तेरा आंचल सावन के झूलों जैसा
दिल मेरा ले गया ...
जब देखूं जी चाहे मेरा नाम बसंती रख दूं तेरा
छोड़ो-छेड़ो ना
हो हो
तेरी बातें राम दुहाई मनवा लूटा नींद चुराई
सैंया तेरी प्रीत से आई तंग बसंती
संग बसंती अंग ...
मस्ताना मौसम आ गया
हो सुन लो देशवासियों
हो सुन लो देशवासियों
आज से इस देश में
छोटा-बड़ा कोई न होगा सारे एक समान होंगे
सुन लो देशवासियों
कोई न होगा भूखा-प्यासा पूरी होगी सबकी आशा
हम हैं राजा
तुम हो कौन नगर के राजे छोटा मुंह बड़ी बात न साजे
झूमो नाचो गाओ बाजे संग बसंती
संग बसंती अंग ...
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आई आई बसंती बेला
आ ऽ ऽ ऽ
आई आई बसंती बेला
लगा रे लगा फूलों का बन-बन मेला
मगन मन झूम रहा
झूम रहा झूम रहा झूम रहा
आज आनंद का बहार रेला
के गुन-गुन गाए भंवर अलबेला
कली का मुख चूम रहा, आई आई
झूम रहा झूम रहा झूम रहा
आई आई ...
नाचे कलियां?? नाचे घूंघट निकाल
पीले पीपल की डाल देवे पत्तों की ताल
आज कोई नहीं है अकेला ! - 2
मिलन की बेला लगन का मेला
मगन मन झूम रहा आई आई
झूम रहा झूम रहा झूम रहा
(झननननननन
छुम छननननननन बाजे
पग-पग-पग-पग पैंजनियां !) - 2
(अलबेली नार सजके सिंगार
अंचरा संभाल आई पी के द्वार) - 2
नैनों में लाज अधरों में प्यार - 2
मन में हां हां -
मुख न न न न न न!
छुम छननननन
झननननननननन बाजे
पग-पग-पग-पग पैंजनियां
झननननननन
छुम छननननननन बाजे
पग-पग-पग-पग पैंजनियां
कहीं बाजे मृदंग कहीं बाजे रे जंग (?)
कहीं पिचकारी पिचकारी छूटे रे रंग
आज रंगीली रंगों का मेला ! - 2
मिलन की बेला लगन का मेला
मगन मन झूम रहा
झूम रहा झूम रहा झूम रहा
आई आई बसंती बेला
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- राजश्री कासलीवाल