मां सरस्वती के स्वरूप की 5 विशेषताएं
बसंत पंचमी का पर्व विशेष रूप से मां सरस्वती की आराधना का पर्व होता है। इस दिन स्कूलों में, घरों और मंदिरों में वाग्वादिनी, बुद्धिप्रदायिनी मां सरस्वती के पूजन का अत्यधिक महत्व होता है। जानिए मां सरस्वती के स्वरूप की यह 5 विशेषताएं -
1 विष्णुधर्मोत्तर पुराण के अनुसार मां सरस्वती का वाग्देवी स्वरूप चार भुजाओं से युक्त और आभूषणों से सुसज्जित बताया गया है। मां का वर्ण श्वेत और उनका रूप सौम्य है।
2 ब्राम्हण ग्रंथों के अनुसार मां सरस्वती ब्रम्हस्वरूपा, कामधेनु और समस्त देवों की प्रतिनिधि हैं, जो विद्या, बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं। मां सरस्वती की कृपा से ही संसार के समस्त प्राणियों को बुद्धि की प्राप्ति होती है।
3 स्कंद पुराण में मां सरस्वती के स्वरूप को कमल के आसन पर सुशोभित, जटायुक्त, माथे पर अर्धचंद्र को धारण किए हुए, नील ग्रीवा और तीन नेत्रों से युक्त बताया गया है।
4 मां सरस्वती का वाहन हंस है, जिसके कारण इन्हें हंसवाहिनी कहा जाता है। कहीं-कहीं पर मां सरस्वती का स्वरूप मयूर अर्थात मोर पर सवार भी दिखाया गया है, जो मधुर वाणी का प्रतीक माना जाता है।
5 मां सरस्वती सूक्ष्म और अदृश्य रूप में मनुष्य की जिव्हा पर विराजती हैं। जिस समय जिव्हा पर सरस्वती का वास होता है, उस समय कही गए शब्द हमेशा सत्य होते हैं।