गुरुवार, 21 नवंबर 2024
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Written By WD

अहसास

अहसास -
कुछ अहसास बेशक
खानाबदोश हो जाते हैं
ख्वाहिशों के पर लगाकर
जमीं से उड़ जाते हैं

मगर हालात इतने बुरे भी नहीं
तुम हमसे गिला न कर सको
जज्बात इतने गिरे भी नहीं
कि छूने की खता न कर सको

इश्क मोहब्बत के अलावा भी
कई नाम पाकीजा ह
हर उठती निगाह कहती है सब कुछ
कोई रंज नहीं गर खामोश जुबां है

खामोशी की आग में जलकर
हर लब्ज मुझ तक पहुँचता है
जैसे मेरे पैरों की खामोश पायल का
हर घुँघरू बोलता है.............