बरेली हिंसा मामले में क्या है तौकीर रजा के खिलाफ FIR में, आज शहर का माहौल बिगाड़ना है
Bareilly violence case: उत्तर प्रदेश में बरेली हिंसा के मुख्य आरोपी तौकीर रजा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कई सनसनीखेज बातें दर्ज हैं। तौकीर इस मामले में आरोपी नंबर वन है और पुलिस ने अवैध हथियार भी बरामद किए हैं। एफआईआर के मुताबिक सिपाहियों के डंडे छीने गए, पेट्रोल बम फेंके गए, जिससे कई पुलिसकर्मी झुलस गए। धारदार हथियारों से किए हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने अवैध हथियार भी बरामद किए।
रिपोर्ट के मुताबिक तौकीर ने प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए थे कि आज (26 सितंबर को) शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे इसमें पुलिसवालों की हत्या ही क्यों न करनी पड़े और मुस्लिमों की ताकत दिखानी है। पुलिस के अनुसार, हिंसा भड़काने, दंगा करने, पथराव करने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसे अपराधों से संबंधित धाराओं के तहत मौलाना तौकीर रजा समेत 180 नामजद और 2,500 अज्ञात दंगाइयों के खिलाफ 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
एक और गिरफ्तारी : बरेली पुलिस ने सोमवार को इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद के अध्यक्ष तौकीर रजा के एक करीबी सहयोगी को हिरासत में ले लिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां चल रहे 'आई लव मोहम्मद' अभियान के दौरान शुक्रवार को भड़की हिंसा के सिलसिले में नदीम नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने बताया कि नदीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह घटना अचानक नहीं घटी, बल्कि पूर्व नियोजित थी। बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद अलग-अलग इलाकों में 'आई लव मोहम्मद' लिखे पोस्टर बैनर लेकर मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे। इस दौरान खलील स्कूल के पास कुछ शरारती तत्वों ने तोड़फोड़ की और पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठियों का इस्तेमाल किया। बाद में मामले में मौलाना तौकीर रजा समेत कई लोगों को इस उपद्रव के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।
55 चुनिंदा लोगों को कॉल किया : इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच से पता चला है कि नदीम ने कथित तौर पर इन घटनाओं की योजना बनाई और उसने व्हाट्सएप के ज़रिए 55 चुनिंदा लोगों को कॉल किया और उन लोगों ने फिर लगभग 1600 लोगों की भीड़ जुटाई। अधिकारी ने आगे कहा कि हिंसा के पीछे की साजिश कथित तौर पर सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) विरोधी प्रदर्शनों की तर्ज पर रची गई थी, जिसमें नाबालिगों को भीड़ में सबसे आगे रखने की योजना थी।"
उन्होंने कहा कि नदीम और उसके साथी कथित तौर पर खलील स्कूल चौराहे और श्यामगंज इलाके सहित प्रमुख स्थानों पर अशांति भड़काने के लिए सक्रिय थे। पुलिस अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि नदीम ने शुक्रवार की नमाज के बाद खान द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन के बारे में शुरू में अधिकारियों को गुमराह किया था। बृहस्पतिवार रात, वह कथित तौर पर अपने साथियों नफीस और लियाकत के साथ पुलिस के पास गया और उन्हें आश्वासन दिया कि शुक्रवार को कोई प्रदर्शन नहीं होगा। हालांकि, एक अधिकारी ने बताया कि उस रात उसने पुलिस को जो पत्र सौंपा था, वह बाद में जाली पाया गया। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala