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Last Updated : मंगलवार, 4 मार्च 2025 (23:11 IST)

Ayodhyadham: ऋषभदेव जैन मंदिर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव

Ayodhyadham: ऋषभदेव जैन मंदिर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव - Panchakalyanak Pratishtha and Mahamastakabhishek festival in Rishabhdev Jain temple in Ayodhyadham
अयोध्या। श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्याधाम में भगवान ऋषभदेव दिगंबर जैन मंदिर में इन दिनों 5 दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकभिषेक महोत्सव का आयोजन चल रहा है जिसमें देश के कोने-कोने से भारी संख्या में जैन समुदाय के अनुयायी हिस्सा लेने आए हुए हैं।ALSO READ: महाकुंभ पर CM योगी का बड़ा दावा, प्रयागराज, अयोध्या, काशी, मथुरा, गोरखपुर को पंच तीर्थ के रूप में जोड़ा
 
अयोध्या जैन धर्म के 5 तीर्थंकरों की जन्मभूमि है : इस महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए जैन मंदिर के पीठाधीश रवीन्द्र कीर्ति स्वामी ने बताया कि अयोध्या जैन धर्म के 5 तीर्थंकरों की जन्मभूमि है। यहां पर युग के आदि में यानी कि प्रारंभ में भगवान ऋषभदेव ने जन्म लिया है। कहा कि हमारे जैन धर्म की मान्यता है कि भगवान ऋषभदेव की कुल परंपरा में ही  आज से 9 लाख वर्ष पूर्व मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ है।
 
ज्ञानमती माताजी जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी हैं : उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में ज्ञानमती माताजी जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी हैं। वे वयोवृद्ध हैं और 95 वर्ष की हैं जिन्होंने 550 ग्रंथों का लेखन किया है। इनका प्रवास अयोध्या में चल रहा है। उनकी प्रेरणा से यहां पर 3 लोकों की रचना हुई। 3 लोक में मध्यलोक है, उधोलोक है और अधोलोक है जिसका वर्णन हमारे जैन शास्त्रों व वैदिक ग्रंथों में भी है। तीनों लोकों के अंदर 727 छोटी-छोटी प्रतिमाएं हैं। अष्ट धातु की भगवान ऋषभदेव आदि तीर्थंकरों की 1008 प्रतिमाएं प्रतिष्ठित की जा रही हैं। उनका पंचकल्याणक चल रहा है।ALSO READ: अब 1 घंटा पहले खुलेंगे अयोध्या राम मंदिर के कपाट, जानिए श्रद्धालु कब कर सकेंगे दर्शन
 
पंचकल्याणक में सारी व्यवस्थाएं नि:शुल्क : जैन धर्म के अनुसार जिसे हिन्दू पुराणों में प्राण-प्रतिष्ठा कहते हैं जिसमें भगवान का गर्भ कल्याणक, भगवान जब जन्म लेते हैं तो उनका जन्म कल्याणक, जब भगवान दीक्षा लेते हैं तो उनका तप कल्याणक, जब भगवान तपस्या करके ज्ञान को प्राप्त करते हैं तो ज्ञान कल्याणक और जब भगवान सभी कर्मों से मुक्त हो जाते हैं तो उसे निर्वाण कल्याणक कहा जाता है। ऐसा ही पंचकल्याणक चल रहा है जिसमें देश के कोने-कोने से भक्तगण आए हुए हैं। इनके लिए बेहतर सुविधाएं की गई हैं। सारी व्यवस्थाएं नि:शुल्क हैं। महोत्सव के अंतर्गत नगर भ्रमण करने के लिए भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई है।
 
Edited by: Ravindra Gupta