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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : शनिवार, 18 फ़रवरी 2023 (12:01 IST)

महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ में धूम, दर्शन के लिए लगी भक्तों की कतार

kashi vishwanath
महाशिवरात्रि पर देशभर के शिवालयों में हर-हर महादेव, बाबा भोले भंडारी की जय हो, का उद्घोष सुनाई दे रहा है। भोले के भक्त बाबा की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए सुबह से ही कतारों में लगकर जलाभिषेक और रूद्राभिषेक करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में बाबा की नगरी काशी में अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। यहां शिवभक्त भोले की एक झलक पाने के लिए कई किलोमीटर लंबी कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं।
 
महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा विश्वनाथ अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए अनवरत रूप से 45 घंटे तक जागेंगे। इस दौरान भोले भंडारी बाबा विश्वनाथ की मनमोहक झांकी का दर्शन लाभ भी भक्त उठा रहे हैं।

आज सुबह काशी में विश्वनाथ मंदिर में लाखों की संख्या में शिवभक्त पहुंचने शुरू हो गए, मंदिर प्रशासन ने सुबह 4 बजे मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए। मंदिर में और सड़क पर चारों तरफ शिवभक्तों का संगम नजर आ रहा है, यह भक्त अपने आराध्य शिव की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। 
 
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर बाबा विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने मंगला आरती का वीडियो जारी किया है, जिसमें बाबा का पूर्ण श्रृंगार हुआ है।
 
काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा के अनुसार मंगला आरती के बाद मध्याह्न भोग आरती दोपहर 12 से 12.30 बजे तक चलेगी। वहीं रात 11 बजे से शुरू चार पहर की आरती सुबह 6.15 बजे तक चलेगी। हर आरती से 10 मिनट पहले शंख की गूंज कानों में सुनाई देगी। इस दौरान गर्भगृह में पूजा की तैयारी के लिए आधा घंटे भक्तों को दर्शन करने से रोक दिया जाएगा।
 
महाशिवरात्रि का एकमात्र दिन ऐसा है, जब 365 दिनों में एक बार बाबा विश्वनाथ का दरबार पूरी रात खुला रहता है। इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ, इसलिए महादेव और पार्वती के विवाह की रस्मों के लिए दिन में 4 बार बाबा विश्वनाथ का अलग-अलग तरह का श्रृंगार और पूजा-आरती होती है। शनिवार की सुबह से ही विश्वनाथ धाम में लोगों का हुजूम बढ़ता जा रहा है।
 
महाशिवरात्रि पर बाबा भोले की भक्ति का रसपान करने वाले भक्तों का उत्साह काशी में देखते बनता है। इस अवसर पर वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों से शिव बारात निकाली जाती है, वहीं  मुख्य शिव बारात शाम को मध्यमेश्वर में स्थित शिव मंदिर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचती है।
 
तत्पश्चात रात्रि में 11:00 बजे से मंदिर प्रांगण में बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती का धूमधाम से विवाह रचाया जाएगा, जिसमें विवाह रस्म निभाने के लिए महादेव स्वर्ण जड़ित मंडप में वर बनेंगे और उनकी वधु गौरा।
Edited by : Nrapendra Gupta