यूपी पुलिस को मिली बड़ी सफलता, कासगंज हमले का मुख्य आरोपी मुठभेड़ में ढेर, 1 लाख का था इनाम
उत्तर प्रदेश। यूपी पुलिस ने रविवार को उसे समय बड़ी सफलता मिली जब उसने कासगंज हमले के मुख्य आरोपी मोती कासगंज में मुठभेड़ में मार गिराया। यह एनकाउंटर कासगंज में सिढ़पुरा थाना क्षेत्र की करथला रोड पर हुआ।
कासगंज के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर ने आज सुबह पत्रकारों को बताया कि एक लाख रुपए के इनामी मोती की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमें गठित की गई थी। सोनकर के मुताबिक बीती रात मुखबिर से सूचना मिली कि मोती अपने साथियों के साथ करतला रोड, काली नदी के पास जंगल में छिपा है। पुलिस टीम ने भोर में ढाई से तीन बजे के बीच घेराबंदी की तो बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी।
एसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने जवाबी फायरिंग की जिसमें नगला धीमर, थाना सिढ़पुरा निवासी मोती को गोली लगी और वह घायल हो गया। एक बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।
उन्होंने बताया कि घायल मोती को पुलिस वाहन में इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिढ़पुरा ले जाया गया, जहां से जिला अस्पताल कासगंज रेफर किया गया और वहां चिकित्सकों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया।
सोनकर ने बताया कि बदमाश के पास से दारोगा से लूटी गई सरकारी पिस्टल, खोखा, ज़िंदा कारतूस और 315 बोर का एक तमंचा बरामद किया गया है। बदमाश के शव का पंचायतनामा भरवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
पुलिस के अनुसार बीती नौ फ़रवरी को ज़िले के थाना सिढ़पुरा पर तैनात उप निरीक्षक (दारोगा) अशोक कुमार व आरक्षी (सिपाही) देवेन्द्र सिंह वांछित अभियुक्त की तलाश के लिये क्षेत्र में गये हुए थे, तभी मुखबिर द्वारा सूचना दी गई कि ग्राम नगला धीमर कटरी में कुछ लोग अवैध भट्टी चलाकर कच्ची शराब का बना रहे हैं। सूचना के आधार पर दोनों पुलिस कर्मियों द्वारा दबिश दी गई तो बदमाश मोती व उसका भाई एलकार व उसके साथियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।
उन्होंने बताया कि इस हमले में दारोगा अशोक कुमार गम्भीर रूप से घायल हो गए एवं आरक्षी देवेन्द्र की मौत हो गई। बदमाश दारोगा अशोक कुमार की सरकारी पिस्टल एवं कारतूस भी लूट कर ले गए थे।
इस वारदात के बाद थाना सिढ़पुरा में सुसंगत धाराओं में मोती व एलकार एवं 5-6 अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया।
अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन द्वारा अभियुक्त मोती की गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। इससे पहले नौ फ़रवरी की रात को ही पुलिस ने मोती के भाई एलकार को मुठभेड़ में मार गिराया था। (भाषा)