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Last Updated : बुधवार, 12 फ़रवरी 2020 (08:33 IST)

बड़ी खबर, सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य

बड़ी खबर, सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य - Online registration mandatory for installation of submersible pump
लखनऊ। उत्तरप्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य में गिरते भूजल स्तर में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मंगलवार को उत्तरप्रदेश भूगर्भ जल नियमावली को लागू करने की मंजूरी दे दी।
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले के बारे में प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने बताते कहा कि गिरते भू-जल स्तर को सुधारने के लिए उत्तरप्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं नियमन) नियमावली के प्रख्यापन की मंजूरी दे दी है। यह नियमावली उत्तरप्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं नियमन) अधिनियम 2019 के विभिन्न प्रावधानों को समयबद्ध और समुचित क्रियान्वयन के लिए बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि इस नियमावली के तहत सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को इस पंजीकरण का कोई शुल्क नहीं देना होगा, वहीं सभी निजी और सरकारी स्कूलों तथा कॉलेजों को अपनी इमारतों पर वर्षा जय संचय प्रणाली लगानी होगी। सिंह ने कहा कि शहरी क्षेत्र में 300 वर्गमीटर से बड़ा घर बनाने के लिए मकान मालिक अगर सबमर्सिबल पंप लगाता है तो उसे भी वर्षा जय संचय प्रणाली लगाना होगा।

नियमावली के अनुसार अधिनियम के प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न स्तरों पर समितियों का गठन किया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सर्वोच्च संस्थान राज्य भूगर्भ जल प्रबंधन एवं नियामक प्राधिकरण, जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद तथा ग्राम/ ब्लॉक/ म्युनिसिपल समितियों के अध्यक्ष क्रमश: ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख एवं नगर पालिका प्रमुख होंगे, जो अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने का कार्य करेंगे।

इसके साथ अगर कोई बोरिंग करके पाइप के माध्यम से भू-जल को प्रदूषित करता है तो उसके खिलाफ सजा और जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है।

मंत्रिमंडल ने भू-जल को दूषित करने वालों के विरुद्ध सजा और जुर्माने का भी प्रावधान किया है। इसके तहत भूजल को प्रदूषित करते हुए अगर कोई व्यक्ति पहली बार पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ 6 माह से लेकर 1 साल तक सजा का प्रावधान होगा। इसके साथ ही उसे 2 से 5 लाख रुपए का आर्थिक दंड भी देना होगा। अगर दूसरी बार पकड़ा जाता है तो 5 से 10 लाख रुपए का आर्थिक दंड और 2 से लेकर 5 वर्ष तक सजा होगी। इसकी तरह अगर तीसरी बार व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसे 5 से 7 वर्ष तक सजा और 10 से लेकर 20 लाख रुपए तक आर्थिक दंड लगेगा।

जलशक्ति मंत्री ने बताया कि बोरिंग करने वाली कंपनियों को भी अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। हर 3 महीने पर उन्हें सारी जानकारी सरकार को देनी होगी। इसका मकसद भू-जल स्तर में सुधार लाना है। उन्होंने बताया कि सरकारी और निजी भवनों का नक्शा तभी पास होगा, जब उनमें वर्षा जल संचय प्रणाली लगाने का प्रावधान होगा। इसके लिए 1 साल का मौका दिया गया है। इस दौरान पंजीकरण करवाना होगा।
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