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EPFO को लेकर Good News, क्‍लेम सेटलमेंट में नहीं आएगी परेशानी, नए सिस्टम से काम होगा आसान

EPFO लॉन्च करने जा रहा है अपग्रेड आईटी सिस्टम 2.01

EPFO को लेकर Good News, क्‍लेम सेटलमेंट में नहीं आएगी परेशानी, नए सिस्टम से काम होगा आसान - EPFO will migrate to new IT platform in 3 months
EPFO News :  ईपीएफओ के मेंबर्स और एम्प्लॉयर्स के लिए सर्विसेस को ज्यादा आसान और इफेक्टिव के लिए EPFO एक नया कदम उठाने जा रहा है। EPFO आईटी सिस्टम 2.01 लॉन्च करने जा रहा है। इससे ईपीएफओ का काम आसान हो जाएगा। नया सिस्टम आने के बाद पोर्टल पर लॉगिन करने से लेकर क्लेम करने और सेटनलमेंट की पूरी प्रक्रिया पहले से आसान हो जाएगी। नया सिस्टम आने पर नौकरी बदलने पर सदस्य आईडी (MID) के ट्रांसफर की जरूरत नहीं होगी। 
 
मीडिया खबरों के मुताबिक श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को आईटी सिस्टम के आधुनिकीकरण इनिशिएटिव की समीक्षा की। इसमें उन्होंने ऐलान किया कि नया सिस्टम 3 महीने के अंदर शुरू हो जाएगा। नए सिस्टम से EPFO ग्राहकों के लिए यूजर अनुभव काफी बेहतर होने की उम्मीद है। इस बदलाव में पेमेंट और क्लेम निपटान के लिए एक सुव्यवस्थित और सेंट्रलाइज्ड सिस्टम शामिल होगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए EPFO ने पहले ही सरल आईटी प्रोसेस शुरू कर दी हैं। इसमें 1 लाख रुपए तक के सभी प्रकार के EPF अडवांस क्लेम की ऑटो-मोड प्रक्रिया शामिल है।
 
लॉगिन में बड़ी परेशानी : सबसे ज्यादा शिकायतें सर्वर के धीमा काम करने को लेकर है। इसके चलते EPFO के सदस्य धनराशि निकालने के लिए क्लेम भी नहीं कर पाते हैं। EPFO से जुड़े सदस्यों की यह भी शिकायत रही है कि पोर्टल पर एक बार लॉगिन नहीं होता है। अगर लॉगिन हो भी जाता है तो फिर से KYC अपडेट मांगता है जबकि यह पहले भी कई बार किया जा चुका है।
epfo Indore
अभी क्या आ रही हैं परेशानियां : पिछले वर्ष जुलाई में ईपीएफओ के कुछ अधिकारियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पुराने और कमजोर सॉफ्टवेयर सिस्टम के बारे में शिकायत की थी। इससे मेंबर्स को काफी परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए ईपीएफओ के आईटी सिस्टम को सुधारने और नए प्लैटफॉर्म पर स्मूथ शिफ्टिंग के लिए यह कदम उठाया गया है।
UAN पर आधारित होगा : EPF अकाउंटिंग सिस्टम यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) पर आधारित होगा। इससे सदस्यों के लिए प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिसिप्ट का फिर से गठन किया जाएगा। नौकरी बदलने पर  पर मेंबर आईडी (MID) के ट्रांसफर की आवश्कता को खत्म कर दिया जाएगा।
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