- लाइफ स्टाइल
» - उर्दू साहित्य
» - शेरो-अदब
नात-शरीफ़ : शे'री भोपाली
पेशकश : अज़ीज़ अंसारी (
शब-ए-मेअराज के मुबारक मौक़े पर)इतनी तो *जिला पाए मोहब्बत रसूल की------चमक हर आईने में देख लूँ सूरत रसूल कीआँखों में अश्क, दिल में ख़लिश, रूह बेक़रार *तकमील पा रही है, मोहब्बत रसूल की--------पूर्ण ऎ *आज़िमान-राहे-अदम सब को छोड़ कर---- दूसरी दुनिया में जाने के शौक़ीन ले जाओ अपने दिल में मोहब्बत रसूल कीदोनों जहान तेरे लिए *फ़र्शे-राह हैं--------- रास्ते की धूल, मिट्टी कर बन्दगी ख़ुदा की *इताअत रसूल की-----आज्ञा का पालन करना पहले *तलब थी फिर हुई दिल, दिल से ज़िन्दगी------ इच्छाअब जान बन गई है मोहब्बत रसूल की दोनों ही बेमिसाल हैं दोनों ही लाजवाब सूरत रसूल की हो के *सीरत रसूल की------चरित्र * ऎश-ओ-निशात सारे ज़माने को दे ख़ुदा------ दुनिया की सुख-सुविधाएँ शे'री को अपने सिर्फ़ मोहब्बत रसूल की