गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. विधानसभा चुनाव 2017
  3. उत्तरप्रदेश
  4. Yogi Adityanath, 2017 UP Assembly, Gorraksha pitha
Written By Author विवेक त्रिपाठी
Last Updated : सोमवार, 6 मार्च 2017 (16:56 IST)

बड़ा सवाल! हर मुस्लिम बहुल क्षेत्र अतिसंवेदनशील क्यों होता है...

योगी आदित्यनाथ का साक्षात्कार

बड़ा सवाल! हर मुस्लिम बहुल क्षेत्र अतिसंवेदनशील क्यों होता है... - Yogi Adityanath, 2017 UP Assembly, Gorraksha pitha
गोरक्षपीठ का राजनीति से बहुत गहरा रिश्ता रहा है। 1967 में इस पीठ के तत्कालीन महंत दिग्विजयनाथ हिन्दू महासभा के टिकट पर सांसद बने थे। उनके उत्तराधिकारी और रामजन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी नेता महंत अवैद्यनाथ 1962, 1967, 1974 व 1977 में मानीराम विधानसभा सीट से विधायक चुने गए और फिर 1970, 1989, 1991 और 1996 में गोरखपुर से सांसद रहे।
उनके उत्तराधिकारी आदित्यनाथ इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने। 1998 से वे लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2014 में वे पांचवीं बार सांसद बने। भाजपा के फायर ब्राण्ड नेता योगी आदित्यनाथ को पार्टी ने विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में लगाया है। 
 
गोरक्षपीठ ने सदैव अपनी ऐतिहासिक आध्यात्मिक मर्यादा को कायम रखा है। राजनीति को भी आदर्श की भांति अपनाने का कार्य यहां के पीठाधीश्वरों ने किया। महंत आदित्यनाथ को ये अनेक विशेषताएं विरासत में मिली हैं। अपने क्रियाकलापों से उन्होंने अपनों को सर्वथा सुयोग्य प्रमाणित किया है। उन्होंने अपनी विश्वसनीयता भी कायम रखी है। वे पीठ की आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ ही राजनीति व समाजसेवा में भी सक्रिय रहते हैं। वे अभी तक लगभग 175 रैली पूरे प्रदेश में कर चुके हैं। इन्ही सब मुद्दों पर गोरक्ष पीठ के महंत आदित्यनाथ ने खुलकर जवाब दिए।
 
प्रश्न : पूर्वांचल में जो विकास होना चाहिए वह नहीं हो सका, इसके मुख्य कारण क्या रहे?
उत्तर : पूर्वांचल को जो मिलना चाहिए, सच में उसे आज भी नहीं मिल सका। यहां पर पलायान जारी है। रोजगार का भारी संकट है। इसका मुख्य कारण यहां 15 वर्ष से जो भी सरकारें रहीं हैं, वे सिर्फ जाति-धर्म के आधार पर ही राजनीति करती रही हैं। उन्होंने सिर्फ यही ध्यान दिया कि अपनी जाति को कैसे लाभ मिले। इसी कारण से स्वास्थ्य व शिक्षा की दुश्वारियां हैं। रोजगार का भी संकट है। इसके लिए यहां पर बदलाव होना जरूरी है।
 
प्रश्न :  आपने कश्मीर की तरह यूपी में भी पलायन का मुद्दा उठाया, यह कहां तक सही है?
उत्तर : जब मैं पश्चिमी यूपी को देखता हूं, तो उसके सामाजिक ढांचे और जनसांख्यिकी देखकर मुझे पछतावा होता। 19 जनवरी 1990 को हिन्दुओं को सामूहिक तौर पर कश्मीर से पलायन करना पड़ा था। यही हालत अब पश्चिमी उत्तरप्रदेश में भी देखने को मिल रहे हैं। वहां की सुरक्षा में कमियां आ रही हैं। रोजगार का बहुत बड़ा संकट पैदा हो रहा है। यहां के लोग दूसरी जगहों पर रोजगार के लिए जाना पड़ता है जहां अपमानित होकर काम करना पड़ता है। लोगों को सुरक्षा नहीं मिल पाती है। इसे रोका नहीं गया तो बहुत भयावह हालात पैदा होंगे। 
 
प्रश्न : आप पर कट्टर हिन्दूवादी होने का आरोप लगाया जाता है,  कितना सही है यह?
उत्तर : यह गलत है हम किसी के प्रति कोई नफरत का भाव नहीं रखते हैं। इतना जरूर कहूंगा कि मुस्लिम समाज को इस बात पर गौर करना चाहिए कि हर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र ही अतिसंवेदनशील क्यों होता है और देश की सुरक्षा के लिए क्यों चुनौती बनता है? वोट बैंक के चलते इन मुसलमानों को भड़काया जाता है। सुरक्षा के हिसाब से देश में सबसे सुरक्षित और खुशहाल मुसलमान गुजरात का है। यूपी के मुसलमान को वहां जाकर देखना चाहिए कि वहां मुस्लिम कैसे रहते हैं। गोरखपुर में जैसे हिन्दू-मुस्लिम साथ रहते हैं, वैसे ही पूरे प्रदेश में भी रहना चाहिए। यूपी में वैसी ही सरकार होनी चाहिए जो गोरखपुर जैसा वातावरण बना सके।
 
प्रश्न : जनसंख्या असंतुलन की बात कितनी सही है?
उत्तर : जनसंख्या का असंतुलन किसी भी संप्रभु लोकतांत्रिक देश के लिए एक खतरनाक प्रवृत्ति है। भारत की जनगणना के आंकड़े लगातार इस चेतावनी की ओर इशारा कर रहे हैं। मुझे लगता है इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। चर्चा होनी चाहिए। जनसंख्या के असंतुलन को रोका जाना चाहिए। यह एक प्रकार षड्यंत्र इसे रोका जाना चाहिए। इस पर निश्चित ही आगे चलकर काबू किया जाएगा।
 
प्रश्न : आपके संसद में साथी और भाजपा नेता ने राइट टू रिकॉल की बात की है इस बिल को आपका समर्थन है या नहीं?
उत्तर : अभी इस बिल पर बहस होना बाकी है। यह प्राइवेट बिल है, इस पर चर्चा होगी। कभी-कभी प्राइवेट बिल चर्चा में भी नहीं आते हैं। 
 
प्रश्न : शहीद की बेटी गुरमेहर कौर मामले में दिल्ली विवि में पिछले कुछ दिनों बवाल मचा हुआ है, इस पर क्या कहेगें?
उत्तर : अभिव्यक्ति की आजादी राष्ट्रीय एकता और अखंडता से बड़ी कभी नहीं हो सकती है। राष्ट्रीय एकता से कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। देश का हर नौजवान इसकी रक्षा करेगा। राष्ट्रीय एकता पर किसी ने भी उंगली उठाने की कोशिश की तो उसका मुंहतोड़ जवाब देने की भी तैयारी है। यह जानबूझकर की गई एक प्रकार की शैतानी है, जिससे माहौल खराब हो सके। देश बचाने के लिए स्वार्थ को छोड़ना होगा।
 
प्रश्न : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए क्या गुण होना चाहिए?
उत्तर : उप्र के मुख्यमंत्री के लिए तीन विशेषताएं होनी चाहिए। प्रदेश का सीएम सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विशेषताओं को जानने वाला होना चहिए। इस राज्य के विकास के लिए एक रचनात्मक सोच उस व्यक्ति में होनी चाहिए और हर नागरिक को सुरक्षा देने, राज्य को विकसित करने का जज्बा भी उसमें होना चाहिए।
ये भी पढ़ें
सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रचार में जुटे स्वयंसेवक