बुधवार, 30 अप्रैल 2025
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Written By WD

या रब न वो समझे हैं न समझेंगे मेरी बात

ग़ालिब
न वो समझे हैं न समझेंगे मेरी बात
दे और दिल उनको जो न दे मुझको ज़बां और
अर्थ - वो मेरी बात समझते ही नहीं। अगर मुझे दूसरी ज़ुबान नहीं मिल सकती तो उन्हें दूसरा दिल मिल जाए, जिससे वो मेरी बात समझ सकें।