स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन
आज स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि (Swami Vivekananda Death Anniversary) है। हर साल 4 जुलाई का दिन स्वामी विवेकानंद स्मृति दिवस के तौर पर मनाया जाता है। विवेकानंद हमारे लिए आदर्श है। उन्होंने सफलता के कई मूलमंत्र हमें बताए हैं, उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करके हम हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
आइए यहां जानते हैं उनके अनमोल वचन-
- कभी मत सोचिए कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि 'तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।
- जब भी दिल और दिमाग के टकराव हो तो दिल की सुनो।
- शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है और संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु हैं।
- अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है अन्यथा ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाए, उतना बेहतर है।
- जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है।
- उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।